जलपाईगुड़ी: बानरहाट ब्लॉक में आमबाड़ी चाय बागान के अधिकारियों ने नोटिस देकर फिर से चाय बागान छोड़ दिया। इस घटना से चाय बागान के 1,360 मज़दूर मुश्किल में पड़ गए हैं। गौरतलब है कि यह चाय बागान पिछले जून में बंद हो गया था। 15 सितंबर को चाय बागान खुला था। सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन 1 दिसंबर से चाय बागान में काम को लेकर परेशानी शुरू हो गई। मज़दूरों ने बताया कि 1 दिसंबर से चाय बागान में आधे दिन का काम होना था। लेकिन अधिकारियों ने बताया कि मज़दूरों को पूरे दिन काम करना होगा। इससे मज़दूरों और चाय बागान के अधिकारियों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। चाय बागान के अधिकारियों का आरोप है कि मज़दूरों ने मैनेजर समेत कई लोगों की पिटाई की। उस समय बानरहाट पुलिस स्टेशन ने आकर उन्हें बचाया। 2 दिसंबर को चाय बागान के अधिकारियों ने चाय बागान के कई मज़दूरों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद, अधिकारियों ने सुरक्षा की कमी का हवाला देते हुए चाय बागान को हड़ताल का नोटिस देकर चाय बागान छोड़ दिया।
तृणमूल चायबागान वर्कर्स यूनियन की यूनिट कमिटी के सेक्रेटरी सूरज बिश्वकर्मा ने कहा, "यह चाय बागान अथॉरिटी हमारे साथ सही नहीं कर रही है। अथॉरिटी हमसे गैर-कानूनी तरीके से काम करवाने की कोशिश कर रही है।
बागान मालिकों के संगठन DBITA के सेक्रेटरी सुभाषिश मुखर्जी ने कहा कि बागान बंद होने के डेढ़ महीने बाद भी काम चल रहा था। सोमवार दोपहर से बागान में जो अफ़रा-तफ़री मची है, वह बहुत निंदनीय है। कुछ लोग राजनीति की आड़ में अलग-अलग बहाने बनाकर बागान में तनाव फैला रहे हैं, जो मंज़ूर नहीं है।