3 दिनों से लावारिस भटक रही महिला को मिला सहारा

नाम, पता-ठिकाना, परिजनों के बारे में हुआ मालूम, दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम ने बढ़ाया मदद का हाथ, असम के जोरहाट की हैं रहने वाली, पुलिस कर रही सत्यापन, दो-तीन दिनों में कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर हो सकेगी घर वापसी
3 दिनों से लावारिस भटक रही महिला को मिला सहारा
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सिलीगुड़ी : शहर के सर्वप्रमुख चौराहे हाशमी चौक पर गत तीन दिनों से भटक रही एक अधेड़ महिला को अंतत: सहारा मिल गया। दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम के अध्यक्ष अमित सरकार व उनकी टीम ने उक्त महिला को शनिवार को हाशमी चौक से रेस्क्यू किया। उसके बाद उन्हें फिलहाल फोरम के ही होम 'नवदिशा' में रखा गया है। वहां दो-तीन दिन स्वास्थ्य-लाभ ले लेने एवं तब तक कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद उन्हें उनके घर वापस पहुंचा पाना संभव हो पाएगा।

उक्त महिला पर सबसे पहले स्थानीय दरभंगा टोला के एक युवा समाजसेवी मोहम्मद इमरान शहबाजी की संवेदना भरी नजर पड़ी। उन्होंने इस ठंड में सड़क किनारे लावारिस अवस्था में ठंड से ठिठुरती उक्त महिला को अपनी ओर से कंबल, बिस्कुट, पानी आदि दिया। उसके बाद कई स्थानीय नेताओं व संगठनों-संस्थाओं से संपर्क किया लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। तब, उन्होंने सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब के अध्यक्ष पत्रकार इरफान-ए-आजम से संपर्क किया जिन्होंने दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम के अध्यक्ष अमित सरकार से संपर्क करवाया। उसके बाद महिला को सहारा मिल पाया।

दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम के अध्यक्ष अमित सरकार व उनकी टीम ने उक्त महिला को शनिवार को हाशमी चौक से रेस्क्यू किया। उसके बाद उन्हें फिलहाल फोरम के ही होम 'नवदिशा' में रखा गया है। वहां दो-तीन दिन स्वास्थ्य-लाभ ले लेने एवं आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद उन्हें उनके घर पहुंचा दिया जाएगा। अपना नाम उन्होंने निकिता दत्त बताया है। वह असम के जोरहाट की रहने वाली हैं। वहीं, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कार्यालय के पास अपना घर होना भी बता रही हैं। वह एक सभ्य-संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती हैं। खुद भी बहुत शिक्षित व संभवत: एक निजी बैंक में मैनेजर हैं। फिर, ऐसा क्या व क्यों हुआ कि, वह वहां से सिलीगुड़ी आ पहुंचीं?

इस बारे में उक्त महिला अभी भी ठोस कुछ नहीं कह पा रही हैं, या कहना नहीं चाह रही हैं। मगर, अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह संभवत: किसी नशाखुरानी गिरोह के फेर में पड़ गईं। वह पहले दो दिन यहां एकदम बदहवास रहीं। कुछ बोल नहीं पा रही थीं। मानसिक रूप से असंतुलित नजर आ रही थीं। हल्का-फुल्का कुछ असमिया भाषा में ही बोल पा रही थीं जिसे समझ पाना यहां के लोगों के लिए मुश्किल हो रहा था। फिर, असमिया के जानकार स्थानीय एक व्यक्ति प्रदीप गुप्ता की मदद से उनकी बातों को समझा जा सका व पूछताछ की जा सकी।

उन्हें अपने साथ लेकर दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम के अध्यक्ष अमित सरकार ने शनिवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब में संवाददाता सम्मेलन किया। बताया कि, महिला के बारे में कुछ-कुछ जानकारियां जुट पाई हैं। उसी आधार पर जोरहाट में उनके परिजनों व पुलिस प्रशासन से संपर्क किया गया है। वहां की पुलिस सत्यापन कर रही है। यहां भी पुलिस प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। महिला के बताए अनुसार उनके पुत्र का नाम मृत्युंजय दत्त है। वह वहां स्थानीय एक क्लिनिक में गायनोकोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार मिश्रा व डेंटिस्ट डॉ. अमित कुमार शर्मा की पेशेंट भी रही हैं। उनके बताए अनुसार उन सारे सूत्रों से भी संपर्क व सत्यापन का प्रयास किया जा रहा है। उनके घर का भी पता लगाया जा रहा है। यह सब हो जाने के बाद संभवत: अगले दो-तीन दिनों के अंदर उनका उनके घर व परिवार के पास वापस जा पाना संभव हो जाएगा। इस दिन संवाददाता सम्मेलन में दार्जिलिंग डिस्ट्रिक्ट लीगल एड फोरम की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. संयुक्ता मैत्रा, सदस्य नीलदीव दत्त, दोला सरकार व अन्य कई सम्मिलित रहे।

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