अंधेरी दुनिया को रौशन करने की खास पहल

अंधेरी दुनिया को रौशन करने की खास पहल
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सिलीगुड़ी : शहर समेत पूरे उत्तर बंगाल व सिक्किम में लायंस क्लब ऑफ सिलीगुड़ी ग्रेटर द्वारा संचालित सिलीगुड़ी ग्रेटर लायंस आई हॉस्पिटल 40 वर्षों से अंधेरे में उजाला फैला रहा है। यहां न केवल आंखों के विभिन्न रोगों की उत्तम चिकित्सा उपलब्ध है बल्कि नेत्रदान मुहिम को भी बल देकर इसने अनेकों अंधेरी दुनिया रौशन कर दी है। यहां जरूरतमंद लगभग 60 प्रतिशत मरीजों की आंखों का फ्री में ऑपरेशन किया जाता है। बच्चों के आई केयर की ट्रेनिंग हेतु 2 साल का डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है। प्रोजेक्ट उजियालो, चोखेर आलो, फूड फॉर ऑल, स्कूल स्क्रीनिंग प्रोग्रोम सरीखे अनेक समाज कल्याण कार्य में सरगर्म है यह संस्थान। इसे लेकर पेश हैं सिलीगुड़ी ग्रेटर लायंस आई हॉस्पिटल के वरिष्ठ सदस्य सुरेश सिंहल से हुई खास बातचीत के अंशः-

आपकी संस्था कब से और किस चीज को लेकर कार्यरत है ?

उत्तर : सिलीगुड़ी ग्रेटर लायंस आई हॉस्पिटल की स्थापना 1980 में हुई थी। इसके बाह्य विभाग (ओपीडी) की सेवा 1981 में शुरू हुई। वहीं, 1983 से अंतर्विभाग (इंडोर) सेवा शुरू हुई। यह संस्था पूरी तरह से आई केयर आंखों की देखभाल को समर्पित है। आंखों की जितनी भी समस्याएं हैं, उन सबकी जांच व चिकित्सा यहां अन्य अस्पतालों से बहुत ही कम लागत में की जाती है। वहीं, जरूरतमंद लगभग 60 प्रतिशत मरीजों की आंखों का ऑपरेशन निःशुल्क किया जाता है। कैटरैक्ट, रेटिना, ग्लूकोमा, चाइल्ड आई केयर, इमरजेंसी आदि सेवाएं सिलीगुड़ी, कर्तोआ एवं कूचबिहार स्थित अपने अस्पतालों में उपलब्ध हैं।

आपकी संस्था के अब तक के सफर को किस तरह देखते हैं ?

उत्तर : संस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। आई केयर की सुविधा, बच्चों के आई केयर की ट्रेनिंग के लिए 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स का संचालन, 2 डीएमबी यानी 2 डॉक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनिंग, स्कूल स्क्रीनिंग प्रोग्राम, फ्री ऑपरेशन और विजन सेंटर की स्थापना आदि कई पहल को समाज में खूब सराहना मिली है।

अब तक की बड़ी-बड़ी उपलब्धियां क्या हैं?

उत्तर : सिक्किम में 8 विजन सेंटर और जलपाईगुड़ी जिले में 7 विजन सेंटर कायम हो चुके हैं। जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से कुल 2,17,828 लोगों तक पहुंच बनाई गई है। 1,13,841 लोगों के आंखों की जांच की गई है। स्कूली बच्चों की नेत्र जांच, जरूरतमंदों को किफायती दर यहां तक कि निःशुल्क भी चश्मा उपलब्ध कराया जाता है। जरूरतमंदों के मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन किया जाता है। सिक्किम, डुआर्स, बिहार सीमांत क्षेत्र, दिनाजपुर में 60 विजन सेंटर हैं। इस साल जुलाई तक 34,500 ऑपरेशन किए जा चुके हैं जिनमें 60 प्रतिशत आई ऑपरेशन निःशुल्क किए गए।

आगे भविष्य की क्या योजनाएं हैं ?

उत्तर : इस साल 46 हजार आई ऑपरेशन किए जाने का लक्ष्य है। आगामी 2030 तक 1 लाख से अधिक आई ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया है। हर दिन 50 से 60 लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया जाता है। उनमें 85 प्रतिशत मरीज कैटरेक्ट यानी मोतियाबिंद वाले होते हैं।

क्या संदेश देना चाहेंगे ?

उत्तर : हर किसी को अपनी आंखों का खास ख्याल रखना चाहिए। आंखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंखों की जांच अनिवार्य रूप में करानी चाहिए। डायबिटीज वाले लोगों को हर 6 महीने में 1 बार और आम लोगों हर साल कम से कम एक बार जरूर आंखों की जांच करवानी चाहिए।

एक नजर : सिलीगुड़ी ग्रेटर लायंस आई हॉस्पिटल

स्थापना : 1980

वर्तमान सदस्य संख्या : 100

सेवा कार्य : सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, कर्तोआ एवं कूचबिहार में आई हॉस्पिटल की सेवा, कैटरैक्ट, रेटिना, ग्लूकोमा, फ्री सर्जरी, आई केयर ट्रेनिंग का 2 साल का डिप्लोमा कोर्स, स्कूल स्क्रीनिंग प्रोग्राम, फूड फॉर ऑल, छाता वितरण व अन्यान्य

वर्तमान कार्यकारिणी : अध्यक्ष - आशीष चंद्र पॉल, सचिव - जितेंद्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष - प्रमोद गर्ग

वरिष्ठ सदस्यगण : पी.सी. मस्करा, जीएस होरा, पीके शा, डॉ. आरके अग्रवाल, सुरेश सिंहल, महेंद्र बंसल, दीपक बाजला, विवेक बंसल

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