

सिलीगुड़ी ः शहर के सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित तेंजिंग नॉर्गे बस टर्मिनस के पास से बीते रविवार को एक बस से एक साथ 34 युवतियों की बरामदगी के मामले में पुलिस ने मुकदमा दायर कर दिया है। इस मामले में प्रधान नगर थाना की पुलिस द्वारा पहले हिरासत में लिए गए व फिर गिरफ्तार कर लिए गए जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत सिलीगुड़ी के भक्ति नगर थाना क्षेत्र के हैदरपाड़ा निवासी गौतम रे (28 वर्ष), सेवक रोड निवासी महिला जयश्री पॉल (32 वर्ष) और अलीपुरद्वार के मेटेली के जुरेंटी चाय बागान निवासी पेट्रस बेक (42 वर्ष) को सोमवार को सिलीगुड़ी महकमा अदालत में पेश किया गया। जहां पुलिस ने उन्हें पांच दिनों की रिमांड पर दिए जाने की अर्जी लगाई। अब पुलिस ने उनसे गहन पूछताछ कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि, गिरफ्तार लोगों का दावा है कि वे लोग इन युवतियों को काम दिलाने को तमिलनाडु ले जा रहे थे जबकि जिस बस में युवतियों को सवार किया गया था वह बस सिलीगुड़ी से झारखंड के हटिया जाने वाली थी।
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी (पश्चिमी क्षेत्र) विश्वचांद ठाकुर ने सोमवार को अपने कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर इस बाबत विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बरामद युवतियों को उनके परिजनों के पास भेज दिया गया है। वे युवतियां मुख्यतया नागराकाटा, मेटेली, कालचीनी, अलीपुरद्वार, डुवार्स क्षेत्र की थीं। उन्हें ले जाने के आरोप में गिरफ्तार 2 पुरुष व एक महिला के विरुद्ध मुकदमा दायर कर पड़ताल शुरू कर दी गई है। उन लोगों के पास से कुछ कागजात मिले हैं। उन कागजात की वैधानिकता को भी परखा जा रहा है। अभी ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जांच शुरू कर दी गई है।
वहीं, दूसरी ओर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के सिलीगुड़ी फ्रंटियर मुख्यालय के जनसंपर्क अधिकारी की ओर से भी इस मामले को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। कहा गया है कि, एसएसबी और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के तहत यह इस क्षेत्र में दूसरा सफल खुफिया-आधारित तस्करी-विरोधी अभियान रहा जो संगठित मानव तस्करी नेटवर्क से निपटने में अंतर-एजेंसी तालमेल के महत्वपूर्ण महत्व को पुष्ट करता है। खुफिया जानकारी और समन्वित कार्रवाई से उत्तर बंगाल में मानव तस्करी के बड़े प्रयास को रोका गया। एसएसबी के सिलीगुड़ी फ्रंटियर अंतर्गत 34वीं बटालियन, अलीपुरद्वार की खुफिया टीम और सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना की पुलिस के बीच त्वरित समन्वय के कारण, एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई और चौंतीस (34) किशोरियों को मानव तस्करी के प्रयास से बचाया गया। इससे पूर्व बीते सोमवार 21 जुलाई को ऐसे ही समन्वय से एनजेपी रेलवे स्टेशन से डाउन कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन से एक साथ 56 युवतियों की बरामदगी कर उन्हें बचाया गया था।