सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : स्थानांतरित हुए शिक्षक अपने पुराने स्थानों पर लौटने जा रहे हैं। जिले के प्रत्येक विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात का संतुलन बनाए रखने के लिए चयनित शिक्षकों को दूरदराज के जिलों में स्थानांतरित किया गया था। शुरुआत में विद्यालय सेवा आयोग ने ऐसे 1,000 लोगों की सूची तैयार की थी, जिनमें से 605 को स्थानांतरण आदेश प्राप्त हो चुके हैं। हालांकि सरकार उन्हें उनके पुराने विद्यालयों में वापस ला रही है। शिक्षानुरागी ओइक्या मंच के महासचिव किंकर अधिकारी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम यह भी मांग कर रहे हैं कि निकटवर्ती विद्यालयों में भी स्थानांतरण नीति लागू की जाए।
2023 में शुरू की गई थी 'अतिरिक्त स्थानांतरण' प्रक्रिया
बता दें कि छात्र-शिक्षक अनुपात को सही रखने के लिए राज्य सरकार ने 2023 में यह विशेष 'अतिरिक्त स्थानांतरण' प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में स्थानांतरित होने वाले शिक्षकों को उनके पुराने कार्यस्थल पर वापस भेजा जाएगा। फिलहाल 605 में से शेष 495 शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया सरप्लस स्थानांतरण के माध्यम से चरणों में शुरू हो गई है। एसएससी की नई गाइडलाइन के अनुसार शिक्षकों का स्थानांतरण पुराने स्कूल में किया जा सकेगा। साथ ही बताया गया है कि भविष्य में सरप्लस स्थानांतरण 30 से 50 किलोमीटर के अंदर ही किया जाएगा।
बंगाली शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव नं यह कहा
बंगाली शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव स्वपन मंडल ने आरोप लगाया कि भले ही एसएससी ने इतने दिनों बाद आदेश रद्द कर दिया हो, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि उसने सिफारिश वापस ली है या नहीं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी अभी तक तबादला आदेश वापस नहीं लिया है और शिक्षकों को अपने पुराने स्कूलों में लौटने का आदेश दिया है। इस मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही पता चला है कि उत्सश्री पोर्टल के जरिए म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए आवेदन भी लंबे समय से बंद था। इस साल जनवरी में पोर्टल लॉन्च होने के बाद से अब तक 100 से ज्यादा आवेदन जमा हो चुके हैं।