शिक्षकों ने कहा, न्याय के लिए अंत तक लड़ेंगे

आयोग व राज्य सरकार से ठोस कदम उठाने का आवेदन जब तक उन्हें नौकरी पर बहाल नहीं किया जाता, अपना कदम पीछे नहीं हटाएंगे
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सन्मार्ग संवाददाता

काेलकाता : विकास भवन के सामने शुक्रवार को भी शिक्षकों का जोरदार प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारी शिक्षक लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें न्याय दिया जाए और उनकी नौकरी वापस की जाए। ऐसे में शु्क्रवार को नौकरी खोने वाले कुछ शिक्षकों ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए राज्य की राजनीतिक हस्तियों, विशेषकर विपक्षी नेता से उनके साथ खड़े होने का आह्वान किया। साथ ही गुरुवार की रात शिक्षकों पर पुलिस के लाठीचार्ज की निंदा की। आंदोलनकारी शिक्षकों के एक प्रतिनिधि सुमन विश्वास ने कहा कि गुरुवार को प्रदर्शनकारी शिक्षकों के साथ हुई घटना में कुछ के पैर टूट गये, तो कई लोगों के सिर में चोटें आयीं। वे अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि हम संयुक्त सभी क्षेत्रों और सभी दलों के लोगों का स्वागत कर रहे हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे हमारे साथ खड़े रहें और हमें न्याय दिलाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि हम राज्य के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी से अनुरोध करते हैं कि वे इस स्थिति में समझदारी दिखाएं। उन्होंने नौकरियों की बहाली से लेकर योग्य उम्मीदवारों के चयन तक हर प्रक्रिया में साथ देने का निवेदन किया।

पूरा देश है शिक्षकों के साथ

आंदोलन के अन्य मुख्य चेहरों में से एक चिन्मय मंडल ने कहा कि सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि पूरा देश उन लोगों के साथ खड़ा है जिन्हें गुरुवार की रात पुलिस द्वारा पीटा गया है। वे अपनी आजीविका को बहाल करने के लिए आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें नौकरी पर बहाल नहीं कर दिया जाता, वे अपना कदम पीछे नहीं हटाएंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम अंत तक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। गुरुवार काे हुई घटना के दौरान शिक्षकों को जूते चप्पल दिखाए गए, लेकिन अभी तक इसे लेकर पुलिस की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया है। विद्यालय सेवा आयोग और राज्य सरकार को इस मामले में कोई ठोस कदम उठाना हाेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों की ओर से कहा जा रहा है कि मौके पर तैनात पुलिस द्वारा न्यूनतम बल का प्रयोग किया गया, इसे लेकर प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि न्यूनतम बल प्रयोग करने के बाद इतनी चोटें आयीं कि शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ऐसे में अगर ज्यादा बल प्रयोग किया जाता तो पता नहीं क्या हो सकता था।

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