सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लगभग 26 हजार शिक्षकों व शिक्षकर्मियों की नौकरी चली गई। इसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि इस अब बेरोजगार शिक्षक मांग कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में एसएससी की नौकरियों को रद्द करने के मुद्दे पर संसद में चर्चा हो। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए 'योग्य शिक्षकों' के एक वर्ग ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। इतना ही नहीं बेरोजगार शिक्षक राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राजनीतिक दलों से भी अनुरोध कर रहे हैं, कि वे संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाएं। इस संबंध में बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालयों में ज्ञापन सौंपा। वे राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई भर्ती प्रक्रिया का भी कड़ा विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी शिक्षकों के प्रतिनिधि सुमन विश्वास ने कहा कि हम राष्ट्रीय कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय भी गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने नौकरी में भ्रष्टाचार की जानकारी दी है और कहा है कि इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। हमने राष्ट्रपति कार्यालय को भी पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अयोग्य लोगों को बचाने के लिए हम जैसे योग्य लोगों की नौकरियां समाप्त कर दी हैं।