सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य शिक्षा विभाग एक बार फिर छात्र-शिक्षक अनुपात में संतुलन लाने के लिए 'सरप्लस ट्रांसफर' को फिर से लागू करने जा रहा है। 193 शिक्षकों के तबादले की मंजूरी स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को भेज दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर करीब 26 हजार शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों की नौकरी रद्द कर दी गई, जिसका असर शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया पर भी पड़ा है। इस साल अप्रैल में सरकार ने 'सरप्लस ट्रांसफर' के तहत तबादला प्रक्रिया की गाइडलाइन वापस ले ली थी। इस बार फिर 'सरप्लस ट्रांसफर' प्रक्रिया लौटने जा रही है।
एक जिले से दूसरे जिले में नहीं होगा तबादला
हालांकि इस बार यह तबादला जिला आधारित होगा। शिक्षा विभाग के मुताबिक एक जिले से दूसरे जिले में तबादला नहीं होगा। छात्रों और शिक्षकों की संख्या के अनुपात में एकरूपता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने 2023 में 'सरप्लस ट्रांसफर' प्रक्रिया शुरू की थी। तब सरकार ने करीब 600 शिक्षकों का तबादला किया था। हालांकि शिक्षक समुदाय के एक वर्ग ने शिकायत की कि प्रशासनिक तबादलों के नाम पर उनका तबादला दूर-दराज के स्थानों पर किया जा रहा है। यहां तक कि कई शिक्षकों के तबादले के आवेदन भी मेडिकल आधार पर खारिज कर दिए गए। इसलिए उन्होंने सरकार से जिला-आधारित तबादले शुरू करने का अनुरोध किया। उस अनुरोध के जवाब में सरकार ने 'अतिरिक्त तबादले' के लिए करीब 1,000 शिक्षकों की नई सूची तैयार की है।
क्या कहा बंगाल शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव ने
बंगाल शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी संघ के महासचिव स्वपन मंडल ने कहा कि जब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सरप्लस ट्रांसफर पर केस जीता और कुछ लोगों ने शिक्षक समुदाय को खतरे में डाला, तो हमने तुरंत शिक्षा मंत्री से अपील की कि वे 'सरप्लस ट्रांसफर' की अनुमति दें, लेकिन यह मानवीय होना चाहिए। शिक्षक तबादले की मांग कर रहे हैं, इस बार सरकार ने हमारी बात सुनी है और उन्हें जिले के भीतर ही स्थानांतरित किया जाएगा।