

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : किताबें नहीं होने की वजह से छात्रों को पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने में काफी समस्याएं होे रही हैं। उच्च माध्यमिक के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर महीने में आयोजित होने वाली है। हालांकि अभी तक कई स्कूलों में भाषा आधारित किताबें नहीं पहुंची हैं। परीक्षा में कुछ महीने ही शेष रह गए हैं, मगर शिक्षकों को अब भी डाउनलोड किये गये पीडीएफ के माध्यम से छात्रों को पढ़ाना पड़ रहा है। शिक्षकों के मुताबिक किताबें नहीं होने की वजह से पीडीएफ का प्रिंट निकालकर छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। ऐसे में छात्र भी बिना पुस्तकों के पढ़ने के लिए मजबूर हैं। पीडीएफ के माध्यम से छात्र घर पर पढ़ सकते हैं, मगर पीडीएफ से सकूल में पढ़ना संभव नहीं है, क्योंकि उसके लिए छात्रों के पास मोबाइल होना आवश्यक है। ऐसे में छात्रों को मात्र शिक्षकों की बातें सुनकर ही पढ़ना और समझना पड़ता है। इसके अलावा हर छात्र की आर्थिक स्थिति ठकि नहीं होती है कि वे पीडीएफ का प्रिंट निकालकर पढ़ाई कर सकें। कई छात्र तो ऐसे हैं, जिनके पास फोन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे में उनके लिए पढ़ाई करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
क्या कहना है स्कूल मैनेजमेंट का
बांसबेड़िया गैंजेस हाई स्कूल के हेडमास्टर विशाल तिवारी ने कहा कि बिना किताबों के छात्रों को पढ़ाना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि हर पूरे पीडीएफ का प्रिंट निकालकर सभी बच्चों को देना भी संभव नहीं है। परीक्षा नजदीक है और किताबें नहीं होने की वजह से कई तरह की परेशानियां हो रही हैं।