

प्रगति, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 300 शिक्षकों ने बुधवार को अपनी नौकरियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बड़ी रैली निकाली। इस रैली का आयोजन 'उस्ती यूनाइटेड प्राइमरी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन' नामक शिक्षक संघ ने किया था। रैली की शुरुआत मध्य कोलकाता के सुबोध मलिक स्क्वायर से हुई और यह रानी रश्मोनी एवेन्यू तक पहुंचकर समाप्त हुई।
रैली में शामिल प्राथमिक शिक्षक अपनी अनियमित नौकरी की स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताते हुए, सरकार से नियमितीकरण की अपील कर रहे थे। शिक्षक संघ के प्रवक्ता ने बताया कि वे सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने के साथ-साथ स्कूलों के शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, बावजूद इसके उनकी सेवाएं नियमित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई अन्य राज्यों की सरकारें प्राथमिक शिक्षकों की सेवा नियमित करने के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठा रही हैं, जिससे उनके काम को स्थायित्व और सम्मान मिल रहा है।
उन्होंने कहा, "हम भी पश्चिम बंगाल सरकार से मांग करते हैं कि वे शीघ्र ही हमारी नौकरियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करें ताकि हम अपने काम को और अधिक निष्ठा और समर्पण के साथ कर सकें। नियमितीकरण से न केवल हमारी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि इससे बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।" इस रैली में शिक्षक न केवल अपनी मांगों को लेकर मुखर थे, बल्कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में स्थिरता और गुणवत्ता के महत्व पर भी जोर दिया। शिक्षक संघ का कहना है कि नियमित नौकरियां न मिलने की वजह से वे अनिश्चितता की स्थिति में रहते हैं, जो उनके काम के प्रति समर्पण को प्रभावित करती है।
इस आंदोलन के जरिए शिक्षक यह संदेश देना चाहते हैं कि शिक्षा के स्तंभों को मजबूती देने के लिए शिक्षकों का नियमितीकरण आवश्यक है। सरकार से आग्रह है कि वे जल्द से जल्द इस मामले पर ध्यान दें और प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी को नियमित कर शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएं। रैली में शामिल शिक्षक यह भी उम्मीद जता रहे हैं कि उनकी आवाज़ सरकार तक पहुंचेगी और उनकी समस्या का समाधान निकलेगा, ताकि वे निःसंकोच अपने कार्यों को जारी रख सकें।