

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने बी.एड. डिग्री धारकों के लिए छह महीने का विशेष 'ब्रिज कोर्स' शुरू किया है। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और वर्तमान में सेवारत हैं तथा प्राथमिक शिक्षक के रूप में नौकरी प्राप्त कर चुके हैं। प्राथमिक विद्यालय शिक्षक बनने के लिए डी.एड या डी.एल.एड कोर्स पूरा करना अनिवार्य है। हालांकि, पिछले नियमों के अनुसार, बी.एड. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें प्राथमिक शिक्षक के रूप में नौकरी भी मिल गई। यह पाठ्यक्रम केवल बी.एड. वालों के लिए उपलब्ध है। प्रशिक्षित शिक्षक जिनकी नियुक्ति जून 2018 और नवंबर 2023 के बीच हुई थी।
यह पाठ्यक्रम इस विशिष्ट समय सीमा के भीतर देश के सभी स्कूलों में बी.एड डिग्री के साथ सेवारत प्राथमिक शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा। उल्लेखनीय है कि बीएड प्रशिक्षण उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षण के लिए प्रदान किया जाता है। 28 जून 2018 को एनसीटीई ने एक राजपत्र प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि बी.एड. स्नातकों को प्राथमिक विद्यालय शिक्षक के रूप में नियोजित किया जा सकेगा। बाद में, इस पात्रता मानदंड को चुनौती देते हुए विभिन्न राज्यों द्वारा मुकदमे दायर किये गये। उन सभी मामलों की समीक्षा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को कहा था कि अभ्यर्थियों के लिए बी.एड. डिग्री होना पर्याप्त नहीं है।
प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए आवेदन करने हेतु प्रशिक्षण। उनके पास डी.ए.एल.एड. भी होना चाहिए या डी.ए.डी. डिग्री होनी चाहिए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पूर्व में कार्यरत बी.एड. स्नातकों को एक ब्रिज कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। 8 अप्रैल, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई को 'ब्रिज कोर्स' के लिए प्रशिक्षण शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया था। एनसीटीई ने बताया है कि परिषद के नियमानुसार बीएड स्नातकों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धति से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यदि किसी शिक्षक को इस संगठन द्वारा प्रशिक्षण शुरू होने के एक वर्ष के भीतर इस प्रशिक्षण में भाग लेने का अवसर नहीं मिलता है, तो संबंधित विद्यालय को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।
इसके अतिरिक्त, कोई भी शिक्षक इस पाठ्यक्रम के प्रमाण-पत्र का उपयोग उसी पद के लिए दूसरी बार आवेदन करने के लिए नहीं कर सकता। गौरतलब है कि निर्धारित अवधि में देशभर में करीब 3 से 4 लाख शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षा विभाग में नौकरी मिल गई। विशेषज्ञों का मानना है कि बड़ी संख्या में शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए इस विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। हालांकि, एनसीटीई ने इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया है कि यह प्रशिक्षण कब और कैसे आयोजित किया जाएगा।