

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ग्यारहवीं कक्षा में नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को पंजीयन शुल्क के रूप में उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद ने कुल 190 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसमें से पंजीयन शुल्क 75 रुपये, प्रोसेसिंग शुल्क 45 रुपये, सुविधा शुल्क 30 रुपये तथा रिजल्ट प्रोसेसिंग शुल्क 40 रुपये हैं। यह शुल्क बिना विलंब शुल्क के 2 से 30 जून के बीच जमा करना होगा। संसद के इस निर्देश को लेकर शिक्षकों के एक वर्ग ने सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार वर्तमान में पंजीयन प्रक्रिया पूरी तरह से संसद की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन होती है। विद्यार्थियों की सारी जानकारी एकत्र करने तथा उसे ऑनलाइन अपलोड करने का सारा काम स्कूल को ही करना होता है।
हालांकि विद्यार्थियों की फीस का सारा पैसा स्वयं एकत्र कर परिषद को भेजने का निर्देश दिया गया है। स्कूल प्रशासन को कंप्यूटर, इंटरनेट, पेपर की व्यवस्था करनी होती है तथा प्रिंटिंग, स्कैनिंग समेत विभिन्न खर्च उठाने होते हैं। हालांकि ग्यारहवीं कक्षा के पंजीयन के लिए स्कूल को कोई शुल्क नहीं मिल रहा है। ऑल पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हायर सेकेंडरी एजुकेशन पार्लियामेंट के अध्यक्ष से मांग की है कि स्कूलों को ग्यारहवीं कक्षा के रजिस्ट्रेशन शुल्क के 190 रुपये में से 50 रुपये प्रति छात्र दिए जाएं। हालांकि संसद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा है कि 11वीं कक्षा के छात्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से हमारा खर्च कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ गया है, क्योंकि, हमने उस समय के कर्मचारियों को नहीं हटाया, जब रजिस्ट्रेशन मैन्युअल तरीके से किया जाता था। फिर, ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और रखरखाव का खर्च बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल चाहें तो वे छात्रों से अपनी बकाया फीस ले सकते हैं।