अंदरूनी ताकत बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 7 जरूरी टिप्स | Sanmarg

अंदरूनी ताकत बढ़ाने के लिए अपनाएं ये 7 जरूरी टिप्स

कोलकाता : आजकल यंगस्टर्स को मसल्स बनाने का जोश काफी है। वे मसल्स को ही सब कुछ मानते हैं। यह आवश्यक नहीं कि आपकी मसल्स है तो आपकी बॉडी स्ट्रांग है। मसल्स का होना और अंदरूनी स्ट्रांग होना दोनों अलग बातें हैं।

कभी-कभी यंगस्टर्स मसल्स बनाने के लिए गलत एक्सरसाइज का सहारा ले लेते हैं जो उन्हें स्ट्रांग बनाने के बजाए कमजोर बना देती है। इससे आप तनावग्रस्त हो जाते हैं। मसल्स बनाने हैं और अंदर से भी स्ट्रांग रहना है तो टेऊनर की देखरेख में एक्सरसाइज करें ताकि प्रारंभ से ही आप सही दिशा में चलें।

स्ट्रांग और मसल्स वाला शरीर पाने के लिए एक्सरसाइज के साथ-साथ उचित खानपान का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।

कार्बोहाड्रेट्स की उचित मात्र अपने आहार में लें। कार्बोहाइडेऊट्स ग्लाइकोजन के तौर पर आपकी मसल्स में मौजूद रहता है। नेचुरल तरीके से कार्बोहाइडेऊट्स लें जिससे शरीर को ताकत मिलती रहे। फूड सप्लिमेंटस के रूप में इसका सेवन न करें। कभी-कभी फूड सप्लिमेंटस से शरीर में प्राकृतिक टेस्टोस्टेरॉन की कमी हो जाती है।

विशेषज्ञों के अनुसार मसल्स बनाने के लिए जरूरत से अधिक एक्सरसाइज न करें। प्रतिदिन 45 मिनट की एक्सरसाइज काफी है। हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार 45 मिनट से अधिक एक्सरसाइज करने से शरीर में स्टेऊस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे शरीर की ताकत कम होती जाती है।

स्ट्रांग का अर्थ है शरीर के अंदर जरूरी ताकत का होना। जैसे आप घंटों खड़े रह सकते हैं, सीढिय़ां आसानी से चढ़ उतर सकते हैं, ठीक पोस्चर का उपयोग कर सकते हैं आदि।

बॉडी को मजबूत बनाए रखने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

जब भी खड़े हों, दोनों पैरों पर बराबर वजन डालकर खड़े हों। इससे शरीर का पोस्चर सही रहेगा और आप अधिक समय तक खड़े रह सकेंगे। शरीर के किसी एक भाग पर जोर भी नहीं पड़ेगा।

जब भी सफर करें या ऑफिस में बैठ कर कई घंटे लगातार काम करें, ऐसे में थोड़े-थोड़े अंतराल बाद अपना पोस्चर बदलते रहें क्योंकि एक ही पोस्चर में बैठना मुश्किल होता है, विशेषकर सही पोस्चर में बैठना।

सीढिय़ां चढ़ते समय कभी भी एक एक सीढ़ी छोडक़र न चढ़ें, न ही सीढिय़ां भाग भाग कर चढ़ें। ऐसा करने से आपके घुटने और पैरों पर इसका प्रभाव अधिक पड़ेगा क्योंकि शरीर का सारा बोझ पैर और घुटनों पर होता है। अपनी इस आदत को बदल लें। दोनों पांव से बारी बारी एक एक सीढ़ी चढ़ें।

महिलाओं को किचन में अधिक समय तक खड़े रहकर काम करना पड़ता है, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि किचन की स्लैब की ऊंचाई आपके हिप जाइंट की ऊंचाई जितनी होनी चाहिए नहीं तो आपको कमर दर्द की शिकायत जल्दी उम्र में शुरू हो जाएगी। यदि आप जिम जाते हैं या कोई और वर्कआउट करते हैं तो अपने शरीर की क्षमता को ध्यान में रखें। प्रारंभ में टेऊनर की निगरानी में आराम से करें। धीरे-धीरे शारीरिक क्षमता देखते हुए बढ़ाए। प्रारंभ में सप्ताह में कम से कम तीन दिन एक्सरसाइज अवश्य करें।

जब भी आप वर्कआउट करना प्रारंभ करें तो अपनी डाइट किसी डायटीशियन से तय करवाएं। अपने मन मुताबिक तय न करें इससे शरीर शिथिल पड़ सकता है।

लाइफ के प्रति अपना एटीट्यूड पॉजिटिव रखें। सही सोच अच्छे स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद करती है। बिना मतलब के तनाव आपको तनावग्रस्त बनाते हैं। उन पर विचार करें कि क्या ऐसे तनाव करने से समस्या हल हो रही हैं, नहीं तो किसी से सलाह लेकर तनाव दूर करने का हल ढूंढें।

मुस्कान को हमेशा होंठों पर बना कर रखें। इससे आपका मन खुश रहेगा और आप काम करते समय थकान कम महसूस करेंगे।मसल्स स्ट्रांग रखने के लिए अंदर से स्ट्रांग होना भी जरूरी है।

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