● प्रात: जल्दी उठें। उठ कर रात्रि में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीएं। पेशाब जाने से पूर्व पानी पीना न भूलें।
● प्रात: शौच से निवृत्त होकर 30 मिनट तक पास के पार्क में तेज गति से चलें। थोड़ा समय योगासन, प्राणायाम, खेलकूद, तैराकी के लिए भी अवश्य निकालें।
● खाना धीरे-धीरे चबा कर खाएं।
● भोजन भूख से अधिक न खाएं। पेट का एक चौथाई भाग खाली रखें।
● रात्रि में भोजन समय पर कर लें ताकि सोने से पूर्व पेट हल्का महसूस कर सकें। सोने से तीन घंटे पूर्व भोजन कर लें।
● नाश्ते के बाद दोपहर के भोजन के बीच भीगी दाल, अनाज, सूखे, मेवे स्नैक्स के रूप में लें।
● भोजन में दाल के अलावा हरी सब्जियां, फल, सलाद अवश्य लें। सलाद पके भोजन के साथ न लेकर खाने से पूर्व खाएं।
● भोजन में तेल की मात्रा कम से कम लें।
● भोजन के साथ हरे धनिए, पुदीने की चटनी लें ताकि भोजन आसानी से पच सके। भोजन में मौसमी सब्जी ही लें। आटे में चोकर मिलाकर चपाती खाएं ताकि शरीर को रेशा अधिक मिल सके।
● चीनी का सेवन कम से कम करें। चाय के स्थान पर ग्रीन टी या नींबू, पानी, शहद का सेवन करें।
● थोड़े सख्त बिस्तर पर सोएं तथा पतले तकिये का प्रयोग करें।
● हृदय रोगी खाने के उपरांत टहलें नहीं। उनके स्वास्थ्य हेतु यह उचित नहीं है। स्वस्थ लोगों को खाने के बाद थोड़ा टहल लेना अच्छा है।● सोने से पहले हाथ, मुंह, पांव धोकर सोएं और मन को शांत रख कर सोएं।
● अच्छे स्वास्थ्य हेतु उचित पोस्चर में बैठें, चलें और लेेटें।
● मौसम अनुसार दिनचर्या रखें।
● शरीर को अच्छे से सुखा कर धुलें वस्त्र पहनें।
● ऊंची एड़ी के चप्पल व जूते न पहनें। ये रीढ़ की हड्डी के लिए नुकसानदेह हैं।
● आइसक्रीम, मक्खन, घी तेज मसालों का सेवन न करें। मैदा, चीनी, सफेद चावल का सेवन भी कम से कम करें।
● शाकाहारी भोजन लें।
● डिब्बाबंद, कृत्रिम रंगों वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
● रात्रि में देर से खाने, तले खाने और भारी खाने से बचें।
● तेज धूप, धुएं व शोर वाले स्थानों से बचें।
● प्रतिदिन हंसें और गुनगुनाएं ताकि मन प्रफुल्लित रहे।
● बाहर से आकर मुंह-हाथ अवश्य धोएं ताकि प्रदूषण से त्वचा बची रहे।कुछ सावधानियां बरतें
● फल सब्जियों के लिए रसायनिक खाद का प्रयोग किया जाता है और उन पर ताजा रखने हेतु रसायनिक दवाओं का प्रयोग करने से पहले अच्छी तरह धो लें।
● टी.वी. पर्याप्त दूरी से देखें। बीच बीच में अपनी आंखें झपकें। कंप्यूटर पर काम करते समय भी हल्की आंखों की की एक्सरसाइज करते रहें।
● दो सप्ताह में कम से कम एक दिन का उपवास रखें। उपवास वाले दिन तरल पदार्थों और फलों का सेवन करें ताकि शरीर अंदर से साफ हो सके।
● जीने के लिए भोजन करें न कि भोजन के लिए जीएं।
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