-जीरा भारतीय रसोई की शान है। जीरे का तड़का कई दालों,सब्जियों और चावल के स्वाद को बढ़ा देता है। आम गृहिणी जीरे को छौंक तक ही जानती है। उन्हें इसके चिकित्सीय गुणों की जानकारी नहीं होती।
- जीरा घर का वैद्य है क्योंकि इसे घरेलू इलाज के लिए प्रयोग किया जा सकता है जो हमें स्वस्थ रखने में हमारी मदद करता है।
-जीरे में आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण गर्भवती महिलाओं और प्रसूता स्त्रियों के लिए इसे रामबाण माना जाता है।
-यह अपच,अफारा,अतिसार में भी लाभप्रद होता है। एसिडिटी होने पर आधा चम्मच जीरे को कच्चा चबा कर खाने से लाभ मिलता है।
-एंटीसेप्टिक गुणों के कारण जीरा जुकाम में भी कारगर सिद्ध होता है। जीरा छाती में कफ के जमाव को रोकता है। इसके सेवन से कफ धीरे धीरे सूख जाता है और राहत मिलती है। इसके लिए एक मुट्ठी जीरे को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। दिन में चार पांच बार इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
-दक्षिण भारत में लोग अक्सर जीरे का पानी पीते हैं। उनके अनुसार इसके सेवन से मौसमी बीमारियों की चिंता नहीं रहती और पेट भी तंदुरुस्त रहता है।
-जीरा लिवर की शक्ति बनाए रखने में मदद भी करता है। इससे शरीर के विषैले तत्व आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
- जीरा भोजन के स्वाद को बढ़ाने में मदद तो करता है, साथ ही हमारे स्वास्थ्य संबंधी छोटी समस्याओं को दूर रखने में मदद भी करता है। सुनीता गाबा(स्वास्थ्य दर्पण)