
कोलकाता - गर्मियों में शरीर से काफी पसीना निकलता है, जिससे शरीर में जल की भारी कमी हो जाती है और हमें जोरों की प्यास लगती है। प्यास बुझाने और राहत पाने के लिए हम शीतल पेय, आइसक्रीम, लस्सी, शर्बत और फ्रिज में रखे पानी तथा बाहर से खरीदे गये बर्फ के पानी का सेवन करते हैं। इनमें बर्फ का पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जिस पानी से बर्फ बनायी गयी है, उसके दूषित होने से तरह-तरह के रोग हो सकते हैं। दूसरे अत्यधिक ठंडा होने से दांतों, गले एवं भोजन नली पर बुरा असर हो सकता है। तीसरा, पानी को रोगाणुमुक्त न किया गया हो तो रोग फैलने की आशंका रहती है।
●इसके अलावा बर्फ को आकर्षक बनाने के लिए पानी में मिलाये गये सस्ते रंग और कैमिकल्स के दुष्प्रभाव से शरीर रोगग्रस्त हो सकता है।
●वैसे ‘कोल्ड ड्रिंक्स’ भी कम खतरनाक नहीं हैं लेकिन इनका प्रयोग अपेक्षाकृत कम ही होता है।
●बर्फ चाहे वह घर में जमायी बनायी गयी हो अथवा बाजार से खरीदी हो, सर्वथा प्रदूषण-मुक्त नहीं होती। अतः बर्फ के अत्यधिक प्रयोग से बचना चाहिए।
खासकर उस समय तो बर्फ का पानी पीना ही नहीं चाहिए, जब शरीर पसीने से लथपथ हो।ज्यादा अच्छा रहेगा यदि बिना बर्फ नींबू का शर्बत, पुदीने का अर्क, दही की लस्सी, फलों का रस, गन्ना रस आदि का प्रयोग बिना बफे के किया जाये। बर्फ के पानी का प्रयोग कभी-कभी ही करना चाहिए।