गुलाब से गेंदा तक: सुंदरता और स्वास्थ्य का प्राकृतिक खजाना

गुलाब से लेकर गेंदा तक, फूलों की खुशबू के साथ सेहत के अनमोल फायदे
गुलाब से गेंदा तक: सुंदरता और स्वास्थ्य का प्राकृतिक खजाना
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गुलाब : गुलाब के बिना तो पुष्पों का परिचय अधूरा है। यह पुष्प बहुत गुणवान है। केवल देसी गुलाब, जो गुलाबी और लाल रंग लिए होता है, में काफी खुशबू होती है। इन पुष्पों का गुलकंद गर्मी की कई बीमारियों को शांत करता है। गुलाब जल से आंखें धोने से आंखों की जलन में आराम मिलता है। गुलाब का इत्र मन को प्रसन्नता देता है। गुलाब का तेल मस्तिष्क को ठंडा रखता है व गुलाबजल का प्रयोग अनेक उबटनों आदि में किया जाता है।

गेंदा

मच्छरों का प्रकोप कम या दूर करना हो तो घर के आसपास गेंदे के पौधे लगाएं। इसकी गंध से मच्छर दूर भागते हैं। चर्मरोग होने या शरीर के किसी हिस्से में सूजन आ जाने पर इन फूलों को पीसकर पेस्ट बना कर लगाने से फायदा होता है।

कमल

वैसे तो कमल का फूल कई रंगों में आता है लेकिन ज्यादातर लाल और सफेद ही होता है। इसकी पंखुडि़यों को पीसकर चेहरे पर मलने से सुंदरता बढ़ती है। इनके फूलों के पराग से मधुमक्खियां शहद बनाती हैं।

बेला

यह पुष्प भी अत्यधिक सुगंधयुक्त है। यह फूल गर्मी में कुछ ज्यादा ही फूलता है। बेल के फूलों का हार या पुष्प अपने पास रखने से पसीने की दुर्गंध नहीं आती। इसकी कलियों को चबाने से महिलाओं में मासिक धर्म की रुकावट दूर होने में मदद मिलती है। 

चंपा

चंपा के फूलों को सुखाकर चूर्ण बनाएं व तेल में मिला कर खुजली वाले हिस्से पर लगाएं। तुरंत राहत मिलेगी। स्वर्णचंपा कुष्ठरोग में कारगर सिद्ध होता है।

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