कोलकाता : भगवान गणेश सभी देवताओं में प्रथम पूज्य कहलाते हैं। इन्हें बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी अपने भक्तों की पीड़ा भी हर लेते हैं, इस कारण इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। भगवान गणेश की पूजा के लिए शास्त्रों में बुधवार का दिन समर्पित है, लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर क्यों बुधवार के दिन पूजे जाते हैं भगवान गणेश। बुधवार सप्ताह का तीसरा दिन होता है और यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है। वैसे हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी या देवता की पूजा-उपासना के लिए समर्पित है। इसी तरह बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि यह दिन भगवान गणेश को अतिप्रिय होता है और इस दिन की गई पूजा-उपासना से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी मनोरथ पूरे करते हैं।
बुधवार के दिन से भगवान गणेश का खास संबंध
पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता पार्वती द्वारा भगवान गणेश की उत्पत्ति की गई तब कैलाश पर्वत पर बुध देव भी उपस्थित थे। इसलिए गणेश जी की पूजा के लिए उनके प्रतिनिधि वार बुध हुए और इस कारण बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान हुआ। एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान शिव जब त्रिपुरासुर का वध करने में असफल हुए तो उन्होंने इसपर विचार किया कि आखिर वे असफल क्यों हो गए और उनके कार्य में क्या विघ्न पड़ा, फिर उन्हें ज्ञान हुआ कि वे गणेश की अर्चना के बिना ही युद्ध करने लगे थे। इसके बाद गणेश जी की पूजा की गई। उन्हें फूल-मालाएं चढ़ाए गए और लड्डुओं का भोग लगाया गया है। इसके बाद जब युद्ध हुआ तो त्रिपुरासुर परास्त हुआ। यही कारण है कि हर कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे कि कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाए।
बुधवार के दिन ऐसे करें भगवान गणेश को प्रसन्न
बुधवार के दिन भगवान गणेश के साथ ही बुध देव की भी पूजा करें। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और बुध देव की भी कृपा प्राप्त होती है। बुधवार के दिन पूजा में गणेश जी को मोदक का भोग जरूर लगाएं। इससे बुध ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। वहीं शमी के पत्ते अर्पित करने से बुद्धि-विवेक में वृद्धि होती है। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करें और घर से सौंफ खाकर निकलें। इससे कार्य में सफलता मिलती है। अविवाहित लोग पूजा में भगवान गणेश को पीले रंग के मिष्ठान का भोग लगाएं। इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।