शनिवार को शनिदेव की पूजा के 5 नियम, जानें क्या नहीं करना चाहिए

शनिवार को शनिदेव की पूजा के 5 नियम, जानें क्या नहीं करना चाहिए
Published on

कोलकाता : सप्ताह के सातों दिन सनातन धर्म के किसी ने किसी देवी-देवता को समर्पित किए गए हैं। उन्हीं में से एक शनिवार का दिन कर्म और न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित किया गया। धार्मिक ग्रंथों में शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए निर्मल मन से पूजा करने के बारे में विस्तार से बताया गया है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से शनिदेव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करता है उसे अपने जीवन में कई शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। आज हम आपको बताते हैं किन नियमों से शनिदेव की पूजा करना चाहिए।

इस विधि से करें शनिदेव की पूजा

यदि आप शनिवार का व्रत करते हैं या फिर शनिवार का व्रत करना चाहते हैं तो उसके 1 दिन पहले से मांस मदिरा यहां तक कि तामसिक भोजन का सेवन छोड़ दें।

शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करके शनिदेव के समक्ष पूजा और व्रत का संकल्प लें। उसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर मन ही मन शनिदेव का ध्यान करते हुए सात परिक्रमा लगाएं। इस दौरान पीपल के पेड़ में कच्चा सूट लपेटना शुभ माना गया है।

जो व्यक्ति शनिवार का व्रत रखता है उसे मन, वचन और कर्म से पवित्र होना बेहद जरूरी है। इस दिन शनि देव की कथा सुनने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। शनिवार के दिन शाम के समय शनि देव की आरती करना बेहद जरूरी है।

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, और उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं।

शनिवार को क्या करें:

  • शनिदेव की प्रतिमा की पूजा: लोहे से निर्मित शनिदेव की प्रतिमा की विधिवत पूजा करें।

  • शनिदेव को प्रिय वस्तुएं अर्पित करें: काला तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र आदि शनिदेव को अर्पित करें।

  • कंबल का दान करें: शनिवार के दिन कंबल का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और दुखों से मुक्ति मिलती है।

  • शनि मंत्र और स्तोत्र का जाप करें: शनि के मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

  • लाल चंदन से स्नान करें: स्नान के पानी में एक चुटकी लाल चंदन मिलाकर स्नान करें।

शनिवार व्रत:

  • फलाहार करें: शनिवार के व्रत में आप फलाहार ग्रहण कर सकते हैं।

  • व्रत का पारण करें: अगले दिन शनिदेव की पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें। बिना पारण के व्रत पूरा नहीं माना जाता।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in