

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : देशभर में हजारों श्रद्धालु मकर संक्रांति मनाने के लिए गंगा नदी के तट पर एकत्र हुए। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश और उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। महानगर के बाबूघाट से लेकर वाराणसी के गंगा घाटों और हरिद्वार के हर की पौड़ी तक श्रद्धालुओं ने ठंड के बावजूद पवित्र स्नान और पूजा-अर्चना की जा रही है। इसी बीच श्रद्धालुओं ने कोलकाता के बाबूघाट में नदी में पवित्र डुबकी लगाकर अनुष्ठान किए।
केवल बाबू घाट ही नहीं, बल्कि अन्य घाटों पर पारंपरिक रीति-रिवाजों में शामिल होने वाली बड़ी भीड़ देखी गई, जिसमें ठंड के बावजूद बच्चों सहित परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर राज्य ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं ने बाबू घाट में डुबकी लगाई। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि प्रशासन की ओर से बाबू घाट के चारों ओर हाई अलर्ट किया गया था स्नान करने के दौरान किसी तरह की दुर्घटना ना हो, इसके लिए जगह-जगह माकिंग की जा रही है। यह दिन दान-पुण्य और भक्ति के कार्यों के लिए भी समर्पित है। तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी और अन्य त्यौहारी व्यंजन जैसे पारंपरिक व्यंजन इस अवसर की शोभा बढ़ाते हैं।
बाबूघाट में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में सुबह 4 बजे से श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचने लगे और सूरज ढलने तक लोग यहां आते रहे और दान-पुण्य किया। उन्होंने बताया कि कई लोग गंगासागर नहीं पहुंच पाते या फिर वहां से लौटते समय भी लोग बाबूघाट के शिविरों में रुकते हैं और मकर संक्रांति के दिन स्नान करते हैं। इस दिन बाबूघाट में कई हजार लोग डुबकी लगाते हैं।