कोलकाता : धार्मिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान देवी-देवताओं को पुष्प अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप भी सूर्योदय के बाद सूर्य देव को जल अर्पित कर रहे हैं, तो तांबे के कलश में जल लेने के बाग उसमें लाल रंग के फूल शामिल करें। इससे सूर्य देव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी और भक्तों को हर कार्य में सफलता हासिल होगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू शास्त्रों में पूजा का इस्तेमाल शुभ और पवित्र माना गया है। चावल सबसे पवित्र अनाज में से एक है। इसे शास्त्रों में अक्षत के नाम से जाना जाता है। घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने के लिए सूर्य देव को अर्घ्य देते समय अक्षत अवश्य शामिल करें। इस उपाय को करने से आपको अवश्य लाभ मिलेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव को नियमित जल अर्पित करें। इससे बेहतर स्वास्थ्य और उत्तम करियर की प्राप्ति होती है। ऐसे में पूर्ण अर्घ्य के लिए जल में रोली शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि लाल रंग हमें सूर्य की किरणों से बांधे रखता है, जिससे हमारे शरीर में रक्त का संचार बना रहता है। बता दें कि लाल रंग को हिंदू धर्म में शुभ माना गया है।
बता दें कि हल्दी का प्रयोग न सिर्फ खान-पान में किया जाता है, बल्कि पूजा-पाठ में भी इसका खास महत्व है। मान्यता है कि सूर्य देव को जल अर्पित करते समय उसमें हल्दी शामिल करने से विवाह में हो रही देरी या विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं। इसी कारण जल में हल्दी शामिल करने की मान्यता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्य देते समय उसमें मिश्री शामिल करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जल में मिश्री मिलाने से भक्तों पर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है और कुंडली में कमजोरी सूर्य को मजबूती मिलती है। इससे जीवन में आ रही अड़चने दूर होती हैं।