

कोलकाता : हर साल मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध गंगासागर मेले में आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को इस बार प्रशासन बड़ा तोहफा देने की योजना बना रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो बाबूघाट स्थित आउट्राम घाट, जो गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्रियों का मुख्य ट्रांजिट पॉइंट है, पर एक विशेष ‘टैक्सी बूथ सह असिस्टेंट गाइड सेंटर’ शुरू करने की योजना बनायी गयी है। इसका मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों को कोलकाता के प्रमुख धार्मिक स्थलों – कालीघाट मंदिर, दक्षिणेश्वर काली मंदिर और बिरला मंदिर – को पूरी तरह पारदर्शी, सुरक्षित और निर्धारित दरों पर घुमाना तथा ठगी से बचाना है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस बूथ पर स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से प्रशिक्षित गाइड तैनात रह सकते है। ये गाइड तीर्थयात्रियों को फेरी, बस, लॉन्च और विशेष वाहनों की सही जानकारी देंगे, टिकट व्यवस्था में मदद करेंगे तथा कालीघाट, दक्षिणेश्वर और बिरला मंदिर घुमाने के लिए अधिकृत टैक्सी और टूर पैकेज उपलब्ध कराएंगे। सभी दरें पहले से तय और प्रदर्शित रहेंगी, ताकि कोई दलाल या असामाजिक तत्व तीर्थयात्रियों को ठग न सके।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'हर साल गंगासागर आने के बाद अधिकांश यात्री कोलकाता के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं लेकिन ट्रांजिट पॉइंट पर दलालों और फर्जी गाइडों के झांसे में आकर वे ऊंची कीमत चुकाते हैं या गलत जगह ले जाए जाते हैं। इस बार हम पूरी व्यवस्था को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना चाहते हैं।'
गौरतलब है कि गंगासागर मेला पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर आयोजित होने वाला एक वार्षिक हिंदू तीर्थ मेला है, जहाँ गंगा नदी बंगाल की खाड़ी से मिलती है। यह कुंभ मेले के बाद भारत में तीर्थयात्रियों का दूसरा सबसे बड़ा जमावड़ा माना जाता है। इस मेले का समापन मकर संक्रांति के उपरांत होता है।
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