राजस्थान के झालावाड़ में पेयजल संकट को लेकर वसुंधरा राजे ने अधिकारियों को लगाई फटकारा

जल जीवन मिशन के तहत खर्च किए गए एक-एक पैसे का मांगा हिसाब
झालावाड़ जिले में पेयजल संकट पर नाराज दिखीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे
झालावाड़ जिले में पेयजल संकट पर नाराज दिखीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे
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कोटा : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ जिले में पेयजल संकट को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई है। दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकीं राजे ने जिले के दौरे के दौरान क्षेत्र में गंभीर पेयजल संकट की शिकायतें मिलने के बाद अधिकारियों को फटकार लगाई और जल जीवन मिशन के तहत वहां खर्च किए गए एक-एक पैसे का हिसाब मांगा।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत 42 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एक-एक पैसे का हिसाब दीजिए- झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया ? हमारी सरकार पेयजल संकट को दूर करने के लिए धनराशि मुहैया करा रही है, लेकिन अधिकारी योजनाओं को ठीक से लागू नहीं कर रहे हैं।

झालरापाटन से पांचवीं बार की विधायक राजे ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, इसलिए राजस्थान की जनता प्यास से व्याकुल है। अप्रैल में यह हाल है, जून-जुलाई में क्या होगा ? उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। राजे ने चेतावनी दी, लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा कभी नहीं चलेगा। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वह क्षेत्र में ऐसी स्थिति नहीं बनने देंगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने पोस्ट में लिखा, क्या जनता को प्यास नहीं लगती ? प्यास तो सिर्फ आप अधिकारियों को लगती है। गर्मी में पेयजल संकट से जनता परेशान है। अधिकारी संतुष्ट हैं। पानी कागजों पर नहीं, बल्कि लोगों के मुंह तक पहुंचना चाहिए। अधिकारी सो रहे हैं, जनता हाहाकार कर रही है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। हालांकि, स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने राजे द्वारा अधिकारियों को फटकार लगाने को ‘झूठा दिखावा’ करार दिया। कांग्रेस सेवादल झालावाड़ के जिला अध्यक्ष नंद सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि झालावाड़ के सभी अधिकारी - जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, इंजीनियर, ठेकेदार - राजे के आदमी हैं।

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