'राजस्थान के सर्वांगीण विकास में राजस्व की बड़ी भूमिका', बोले CM भजनलाल शर्मा

विकास परियोजनाएं और जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
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जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को कहा कि राजस्थान के सर्वांगीण विकास में राजस्व की भूमिका अहम है और इसे बढ़ाने के लिए लक्ष्य आधारित कार्ययोजना बनाई जाए।

शर्मा ने यहां आबकारी, परिवहन, वाणिज्यिक कर तथा पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की समीक्षा बैठक ली। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास और सभी वर्गों के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है तथा इस दिशा में विभिन्न विकास परियोजनाएं और जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने और जनकल्याणकारी योजनाओं के निर्बाध संचालन में राजस्व अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वित्त वर्ष 2025-26 के राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी समर्पित होकर काम करें।

आधिकारिक बयान के अनुसर बैठक में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में एक लाख 69,627 करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन का लक्ष्य रखा गया था। इसे हासिल करने के क्रम में नवम्बर तक कुल 84,746 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को आगामी तिमाही में राजस्व वृद्धि के लिए लक्ष्य आधारित कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।

शर्मा ने वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए जीएसटी सुधारों से देश-प्रदेश के आमजन को काफी राहत मिली है।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जीएसटी की दरों में की गई कमी का सीधा लाभ उपभोक्ता तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने फर्जी करदाताओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि कर चोरी रोकने और पारदर्शी कर व्यवस्था लागू करने के लिए सख्त निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सार्वजनिक परिवहन हेतु नई बसों के अधिक से अधिक परमिट जारी किए जाएं जिससे आमजन को आवागमन में सुविधा होने के साथ ही, राज्य सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति हो। उन्होंने 'ओवरलोडेड' वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।

शर्मा ने एक अन्य बैठक में नवीन श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इसमें उन्होंने कहा कि नई श्रम संहिताएं श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव हैं तथा इनके माध्यम से मजदूर और कारोबार के हितों की सुरक्षा होगी और देश-प्रदेश के अनुकूल औद्योगिक वातावरण में वृद्धि होगी।

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