राजस्थान : डूंगरपुर में 'बाइकर गिरोह' पर नकेल कसने के लिए 'ऑपरेशन संस्कार' शुरू

युवाओं के अपराधीकरण को रोकने के लिए ऑपरेशन 'संस्कार'
सांकेतिक छवि
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जयपुर : राजस्थान पुलिस ने डूंगरपुर जिले में 'बाइकर गिरोह' पर नकेल कसने के लिए ऑपरेशन 'संस्कार' शुरू किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के तहत सोशल मीडिया पर नजर रखकर बाइकर गिरोह के सदस्यों को पकड़ा जा रहा है।

पुलिस ने बताया कि कुछ समय पहले तक डूंगरपुर जिले में कई जगह सुपरबाइक की आवाजें सुनाई देते थीं। कई किशोर '302', '007' और 'रफ़्तार' जैसे नामों वाले गिरोह बनाकर सड़कों पर बाइक चला रहे थे।

वही युवा जो कभी रैप की धुनों पर नाचते हुए वीडियो पोस्ट करते थे, महिलाओं का पीछा करने, राहगीरों को परेशान करने, डकैती करने और पुलिस को धमकाने का दावा करते थे अब भजनों के साथ रील बना रहे हैं। यही नहीं वे यह भी कहते हैं कि उन्होंने 'बुरे कामों से तौबा' कर ली है और और अपने माता-पिता की सेवा करते हैं।

डूंगरपुर के पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि इस खतरनाक प्रवृत्ति और लोगों की लगातार शिकायतों को देखते हुए पिछले महीने जिले का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने युवाओं के अपराधीकरण को रोकने के लिए ऑपरेशन 'संस्कार' शुरू किया है।

उस समय सोशल मीडिया मंच, खासकर इंस्टाग्राम ऐसे वीडियो से भरा पड़ा है जिनमें ये लड़के बाइक स्टंट करते, हथियार दिखाते, गैंगवार में एक-दूसरे का पीछा करते या खुली चुनौतियां देते दिखाई देते थे। हरेक 'लाइक' और 'कमेंट' से वे और भी दुस्साहसी हो रहे थे। 12 साल तक के बच्चे भी उन्हें देख रहे थे, उनकी प्रशंसा कर रहे थे और प्रेरित हो रहे थे।

पुलिस अधीक्षक कुमार ने बताया, युवा किस्तों पर पावर बाइक खरीद लाते और झुंड बनाकर लोगों का पीछा करने, डकैती, मारपीट और वाहनों पर पथराव जैसे अपराध करते। ऐसी गतिविधियों की रील बनाकर वे अपने अपराध का ऑनलाइन महिमामंडन करते और कानून और पुलिस को चुनौती देते थे।

उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर युवा 18-24 साल के हैं। इन शरारती युवाओं के बारे में जनता से काफी शिकायतें मिल रही थीं। बच्चों पर इसका बुरा असर भी देखने को मिल रहा था।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अपने विशेष अभियान के तहत आपराधिक गतिविधियों वाली रीलों पर नजर रखी, ऐसे लोगों/अकाउंट को चिह्नित किया गया और अपराधियों पर मामला दर्ज किया गया। पकड़ में आने के बाद ऐसे युवाओं ने माफी मांगने वाले वीडियो उन्हीं प्लेटफ़ॉर्म पर शूट और अपलोड किए जहां वे पहले शेखी बघारते थे।

उन्होंने कहा, ऐसी रील पोस्ट करने वाले तत्वों के इंस्टाग्राम अकाउंट की पहचान की जाती है और कानूनी कार्रवाई की जाती है। सोशल मीडिया पर कमेंट व लाइक से उन्हें समर्थन और बल मिलता है, इसलिए उनका माफीनामा वीडियो भी शूट करके सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाता है। चूंकि युवा खबरें और अपडेट इंस्टाग्राम व फेसबुक से प्राप्त करते हैं, इसलिए हमने युवाओं तक सही संदेश पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसके लिए पुलिस द्वारा ऑनलाइन अपराधियों को बदनाम करने वाले नए और ट्रेंडी मीम्स बनाए जाते हैं।

कुमार ने बताया कि इस अभियान से जहां अनेक मार्गों पर यातायात सुगम हुआ है और महिलाओं का कहना है कि अब उन्हें पीछा किए जाने जैसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। पुलिस का अभियान शुरू होने के बाद से एक भी गैंगवार की सूचना नहीं मिली है। जनता भी इस अभियान का खुलकर समर्थन कर रही है।

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