राजस्थान : राज्यपाल बागडे ने विद्यार्थियों को समय पर डिग्री देने पर जोर दिया

बिड़ला सभागार में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय आरयूएचएस का दीक्षांत समारोह
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे
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जयपुर : राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने मंगलवार को कहा कि विश्वविद्यालय में जिस वर्ष विद्यार्थी की शिक्षा पूरी हो, उसी साल दीक्षांत समारोह आयोजित कर उसे डिग्री दे दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समय पर डिग्री मिले, इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने चाहिए।

बागडे मंगलवार को बिड़ला सभागार में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय आरयूएचएस के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सकीय शिक्षा में इस बात पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया कि विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता बढ़े ताकि समाज को अच्छे और प्रतिभाशाली डॉक्टर मिलें।

राज्यपाल ने चिकित्सा शिक्षा में मौलिक शोध और अनुसंधान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इन पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय देश विदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों से 'गठजोड़' कर इस क्षेत्र के नए ज्ञान के आदान प्रदान का संवाहक बने।

आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता और ध्यानाकर्षण पर खास ध्यान देने के लिए जरूरी है कि कुछ बातों को केंद्र बनाया जाए जैसे कि विद्यार्थी ने क्या क्या पढ़ा और उसमें से क्या ध्यान में रखा। उन्होंने कहा कि बौद्धिक क्षमता की जांच के लिए कोई मशीन नहीं बनी पर नकल की बजाय अकल से जो ज्ञान में सफलता प्राप्त करे, वही बौद्धिक रूप से सशक्त है।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में चिकित्सा और औषधि शास्त्र एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कम से कम दवा से रोग निदान की मानसिकता के लिए कार्य करने पर जोर दिया।उन्होंने इस अवसर पर 'नेशनल अकादमिक डिपोजिटरी पोर्टल' की शुरुआत की। इससे पहले उन्होंने डॉ. विश्व मोहन कटोच को बायोमेडिकल रिसर्च में अप्रतिम योगदान के लिए 'डॉक्टर ऑफ साइंस- मेडिसिन' की मानद उपाधि प्रदान की।

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