राजस्थान : रामगढ़ में ड्रोन से कृत्रिम बारिश का पहला प्रयास नाकाम

तकनीकी समस्याओं के कारण ड्रोन क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन रद्द
कृत्रिम बारिश को देखने के लिए उमड़े सैकड़ों ग्रामीण
कृत्रिम बारिश को देखने के लिए उमड़े सैकड़ों ग्रामीण-
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जयपुर : राजस्थान में जयपुर के पास स्थित रामगढ़ बांध के आसपास मंगलवार को भारत के पहले एआई-संचालित (कृत्रिम बारिश) ड्रोन क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन को तकनीकी समस्याओं और नियामक सीमाओं के कारण रद्द करना पड़ा।

इस कृत्रिम बारिश को देखने के लिए आस-पास के इलाकों से सैकड़ों ग्रामीण बांध स्थल पर जमा हुए और बेसब्री से ड्रोन को काम करते और आसमान से बारिश होते देखने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि, जैसे-जैसे उत्सुकता बढ़ती गई, आसमान सूखा रहा और ड्रोन अपेक्षित तरीके से काम नहीं कर पाए, इसलिए लक्षित क्षेत्र में क्लाउड सीडिंग और कृत्रिम बारिश का प्रदर्शन नहीं हो सका।

इस परियोजना का नेतृत्व करने वाली तकनीकी कंपनी जेनएक्सएआई के संस्थापक राकेश अग्रवाल ने बताया कि अधिक भीड़ और मोबाइल नेटवर्क में भारी व्यवधान के कारण ड्रोन का जीपीएस सिग्नल गायब हो गया, जिससे प्रदर्शन असुरक्षित हो गया।

अग्रवाल ने बताया, वहां भारी भीड़ थी और इलाके में कई फोन नेटवर्क सक्रिय थे। इससे ड्रोन की जीपीएस कनेक्टिविटी बाधित हुई। ड्रोन उड़ाने की अनुमति 400 फुट तक सीमित थी, जिससे संचालन और भी सीमित हो गया।

उन्होंने बताया, हमें एक हफ्ते के भीतर अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में एक नया प्रयास किया जाएगा।

यह प्रदर्शन जेनएक्सएआई द्वारा जलवायु-तकनीक फर्म एक्सेल1 के साथ साझेदारी में कृषि मंत्री किरोड़ी मीणा की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य ड्रोन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके सूखाग्रस्त और अब खाली पड़ी रामगढ़ झील - जो कभी जयपुर का प्रमुख जल स्रोत थी - पर बादलों का निर्माण और वर्षा कराना था।

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