फोन टैपिंग के आरोप पर श्वेत पत्र जारी करे भाजपा सरकार : सचिन पायलट

कांग्रेस नेता ने कहा, ये मजाक बना रखा है
कांग्रेस नेता सचिन पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट
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जयपुर : कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा उनके फोन टेप किए जाने के आरोपों को लेकर बुधवार को राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। पायलट ने फोन टैपिंग को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।

पायलट ने इसके साथ ही मीणा की अपनी ही सरकार के साथ तनातनी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में 'व्यवस्था' का मजाक बना हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा, ये मजाक बना रखा है। मीणा इस्तीफा दिए बैठे हैं लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हो रहा। वह मंत्री होने के नाते कहते हैं कि मेरा फोन टैप हो रहा है, तो संगठन कार्रवाई कर रहा है। फिर उनका जवा। पता नहीं उन्होंने क्या जवाब दिया होगा। मैं मानता हूं यह मजाक बना हुआ है।

उन्होंने कहा, सरकार को निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए और सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। मंत्री मीणा को भी अपने आरोपों को लेकर 'सूत्र' का खुलासा करना चाहिए। पायलट ने कहा, फोन टैपिंग का यह गंभीर मामला है जिस पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए और श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि हमारे मंत्री ने यह बोला। सही था या गलत था। सिर्फ पार्टी के स्तर पर कार्रवाई करना मैं समझता हूं कि पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग गंभीर अपराध है, ऐसा कोई भी प्रकरण अब या पहले हुआ है तो उसकी पूरी पारदर्शिता से जांच होनी चाहिए और पार्टी के किसी भी नेता या अधिकारी सहित जो भी दोषी पाया जाता है तो उसको दंड मिलना चाहिए। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, हर गलती सजा मांगती है, गलती करेगा तो सजा मिलेगी। यहां पायलट का इशारा उस फोन टैपिंग विवाद की ओर था जो पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान उनकी अपनी सरकार के खिलाफ विद्रोह के समय उठा था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के एक मंत्री हैं जिन्होंने पब्लिक प्लेटफॉर्म से आरोप लगाया कि उनका फोन टेप हो रहा है, किसी भी नागरिक की निजता का हनन कोई भी सरकार नहीं कर सकती, और जब वह नागरिक शपथ लिया हुआ सरकार का एक मंत्री हो तथा सार्वजनिक मंच से ऐसा बोल रहा हो। उन्होंने कहा कि सरकार को सदन में जवाब देना चाहिए, पूरा प्रदेश व देश सच्चाई जानना चाहता है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मंत्री मीणा को उनके फोन टैप किए जाने का मुद्दा उठाने पर अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था। मीणा ने कहा कि उन्होंने अपना जवाब कल ही राठौड़ को भेज दिया था। हालांकि उन्होंने अपने जवाब की विषय-वस्तु का खुलासा नहीं किया।

हाल ही में एक सभा के दौरान मीणा ने अपने फोन टेप होने का आरोप लगाया था। विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने विरोध के चलते राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात ही नहीं रखी और सदन में मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान भी कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते रहे।

राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की भर्ती प्रक्रिया पर हाई कोर्ट की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए पायलट ने कहा कि अदालत को हर मुद्दे पर हस्तक्षेप करना पड़ता है।

पायलट ने कहा, अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है हर मुद्दे पर सरकार कर क्या रही है ? सरकार में इतने सारे सत्ता के केंद्र बन गए हैं और किसी को मालूम ही नहीं है कि क्या हो रहा है। अगर अदालत को बार-बार बोलना पड़ेगा और प्रशासनिक मुद्दों में हस्तक्षेप करना पड़ेगा तो राज्य के लिए यह अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि आरपीएससी की चयन और कार्य प्रणाली पूरी तरह से 'खराब' हो चुकी है और सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में रिक्त पदों के बैकलॉग भरने, सरकारी नौकरियां देने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं इसलिए राज्य सरकार को नौजवानों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए तुरंत प्रभाव से रिक्त पद भरने का अभियान चलाना चाहिए।

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