

जयपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को 48 हजार करोड़ रुपये के पीएसीएल पोंजी धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और कुछ अन्य के कई परिसर पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ईडी द्वारा खाचरियावास के जयपुर स्थित घर और एक अन्य व्यक्ति कुलवंत सिंह के घर समेत करीब 15 परिसर की तलाशी ली जी रही है। ईडी के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक सुरक्षा टीम तैनात की गई है।
उल्लेखनीय है कि 55 वर्षीय कांग्रेस नेता खाचरियावास, पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में परिवहन, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। वे सिविल लाइंस (जयपुर) सीट से विधायक रहे हैं। वे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं। इस छापेमारी पर खाचरियावास ने कहा कि ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि वह राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह ईडी से "डरते" नहीं हैं।
धन शोधन मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की गई। यह मामला पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड, पीएसीएल के दिवंगत प्रवर्तक निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ निवेशकों को धोखा देने के लिए "धोखाधड़ीपूर्ण" निवेश योजनाएं चलाने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
ईडी के अनुसार, इन योजनाओं के माध्यम से, पीएसीएल और उसके निदेशकों ने निवेशकों को लगभग 48 हजार करोड़ रुपये का "धोखा" दिया। सूत्रों ने दावा किया कि कथित "अपराध की आय" के खाचरियावास से जुड़ी संस्थाओं सहित अन्य संस्थाओं को प्राप्त होने का संदेह है।