कोटा में 'गैस रिसाव' से 15 स्कूली बच्चे पड़े बीमार, अस्पताल में भर्ती

सीएफसीएल ने गैस रिसाव के दावों का खंडन किया
कोटा में केमिकल फैक्ट्री में गैस रिसाव
कोटा में केमिकल फैक्ट्री में गैस रिसाव
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कोटा : एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय के 15 से अधिक छात्र शनिवार सुबह पास के एक रासायनिक कारखाने से कथित तौर पर 'रिसाव' के कारण निकलने वाले धुएं में सांस लेने के कारण बीमार पड़ गए। हालांकि रासायनिक कारखाने, 'चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड' (सीएफसीएल) ने गैस रिसाव के दावों का खंडन किया है।

पुलिस ने बताया कि यह घटना गडेपान गांव में स्कूल में प्रार्थना के समय सुबह करीब सवा दस बजे हुई। कतार में खड़े बच्चों ने कथित रासायनिक गैस रिसाव के धुएं को सांस के जरिए अंदर ले लिया। इसके बाद गैस रिसाव की पुष्टि के लिए सीएफसीएल के अधिकारियों को बुलाया गया। हालांकि, स्कूल शिक्षक सुरेन्द्र नागर ने बताया कि जब तक अधिकारी पहुंचे कुछ छात्रों ने चक्कर आने, आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायत की।

डीएसपी राजेश ढाका ने बताया कि करीब छह लड़कियों ने चक्कर आने की शिकायत की और उन्हें सीएफसीएल के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में ले जाया गया। बाद में 12 छात्रों ने भी चक्कर आने और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की और उन्हें कोटा के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

सूचना मिलने पर कोटा के जिलाधिकारी डॉ. रवींद्र गोस्वामी मौके पर पहुंचे और स्कूल प्रशासन से बात की। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को कथित गैस रिसाव से प्रभावित बच्चों की उचित देखभाल और उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। डॉ. गोस्वामी ने कहा, हल्की जटिलताओं के कारण कम से कम छह छात्रों को इलाज के लिए कोटा के जे। के। लोन अस्पताल में रेफर किया गया है। जबकि तीन से चार छात्र चिकित्सकीय निगरानी में हैं। सभी छात्र खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत स्थिर है।

लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला ने भी स्थानीय अधिकारियों से घटना के संबंध में जानकारी मांगी है। इस बीच सीएफसीएल प्रबंधन ने अपने कारखाने से गैस रिसाव की किसी भी घटना से इनकार किया है।

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