

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसका मसौदा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने तैयार किया है। कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक, अंडरग्रेजुएट से लेकर पोस्ट-ग्रेजुएट तक सभी क्षेत्रों में बड़े बदलाव हो सकते हैं। अब बस अंतिम फैसले का इंतजार है। ड्राफ्ट पर मुहर लगते ही शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। अब स्टूडेंट्स चाहें तो एडिमिशन के बाद भी अपना विषय बदल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि किसी छात्र को कोई विषय पढ़ना पसंद नहीं है तो वह उसी वर्ष दूसरे विषय में प्रवेश ले सकता है। जैसे कि जिसने हायर सेकेंडरी में विज्ञान नहीं पढ़ा है, वह आसानी से फिजिक्स या केमिस्ट्री पढ़ सकता है। ऐसे तमाम बदलाव उच्च शिक्षा में आ रहे हैं। ग्रेजुएशन में कौन सा विषय पढ़ना है, इसकी कोई बाध्यता नहीं होगी यानी अगर आप हायर सेकेंडरी में विज्ञान नहीं भी पढ़ते हैं तो भी आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री पढ़ने में कोई कठिनाई नहीं होगी। आपको संबंधित विषय में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, तभी आपको अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। कॉलेज या विश्वविद्यालय को यह निर्णय लेने की पूर्ण स्वतंत्रता होगी कि किसी विषय की लिखित या मौखिक परीक्षा आयोजित की जाएगी या नहीं। कॉलेज और विश्वविद्यालय यह भी तय करेंगे कि स्टूडेंट्स की उपस्थिति दर क्या होनी चाहिए, वे कॉलेज आने पर कितनी देर तक परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके अलावा ड्राफ्ट में ऑनलाइन शिक्षा का अवसर बरकरार रखने का भी जिक्र किया गया है। यदि यह व्यवस्था शुरू हो गई तो विद्यार्थियों को पढ़ाई करते हुए भी नौकरी मिल सकेगी। इसके अलावा अगर कोई चाहे तो एक साथ दो विषयों की पढ़ाई भी कर सकता है।