
कोलकाता : बंगाल में पिछले 6 वर्षों में एक भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेने वाले आठ पंजीकृत राजनीतिक दलों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र भेजा है। आयोग ने इन दलों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करते हुए उनके राजनीतिक दल के दर्जे को लेकर पुनर्विचार की प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया है। इन आठ दलों में ऑल इंडिया तफसील यूनाइटेड पार्टी, वंचित स्वराज पार्टी, बांग्ला विकासवादी कांग्रेस, भारतीय न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी, डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी (प्रबोध चंद्र), इंडियन डेमोक्रेटिक कांग्रेस, इंडियन पीपुल्स फॉरवर्ड ब्लॉक और मूलनिवासी पार्टी ऑफ इंडिया पार्टी शामिल हैं। आयोग द्वारा भेजे गए पत्र में राज्य चुनाव अधिकारी से कहा गया है कि इन दलों को शोकॉज नोटिस जारी की जाए और उनसे विभिन्न गतिविधियों, प्रचार, कार्यक्रम और चुनावी भागीदारी से जुड़ी जानकारी मांगी जाए। उसके आधार पर यह निर्णय लिया जाए कि उन्हें सूची से बाहर किया जाए या नहीं। सूत्रों के अनुसार, ये आठ दल 2019 से 2025 के बीच पंजीकृत हुए हैं, लेकिन अब तक इन्होंने किसी भी लोकसभा, विधानसभा या स्थानीय निकाय चुनावों में भाग नहीं लिया है। साथ ही, इनकी कोई राजनीतिक गतिविधि, जनसभा या प्रचार भी सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आया। छह साल में इन दलों के किसी भी विज्ञापन या प्रेस विज्ञप्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। चुनाव आयोग ने पत्र में कहा है कि अगर ये दल राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय नहीं हैं, तो इनके अस्तित्व का कोई औचित्य नहीं रह जाता। ऐसे में राज्य चुनाव आयोग को अधिकार दिया गया है कि वह तथ्यों की जांच कर यह सुझाव दे कि किन दलों को राजनीतिक दल की सूची से हटाया जा सकता है।