ईडी अधिकारी बनकर वृद्धा से 28 लाख की ठगी

आनंदपुर थाने में पीड़ित महिला ने दर्ज करायी शिकायत
फाइल फोटो
फाइल फोटो
Published on

कोलकाता : आनंदपुर इलाके में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला 16 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ की शिकार रहीं। ठगों ने उन्हें व्हाट्सएप पर लगातार कनेक्टेड रखा, मोबाइल बंद करने की इजाजत नहीं दी और हर दो घंटे में अपनी स्थिति रिपोर्ट करने को मजबूर किया। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग किस्तों में महिला के खातों से कुल 28 लाख रुपये निकाल लिये। घटना की शुरुआत 21 नवंबर की सुबह हुई, जब सुनीता को पहला फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके आधार नंबर से एक संदिग्ध बैंक खाता खोला गया है। डर का फायदा उठाते हुए ठगों ने कभी मुंबई पुलिस तो कभी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बनकर महिला से लगातार संपर्क बनाए रखा।

ठगों ने सुनीता को सख्त हिदायत दी थी कि वे फोन बंद नहीं करेंगी और न ही इस बारे में किसी को बताएंगी। घर से बाहर जाना हो तो भी पहले उन्हें सूचना देनी पड़ती थी। नियम तोड़ने पर जेल भेजने और जान से मारने की धमकियां दी जाती रहीं। लगातार दबाव और डर से बुजुर्ग महिला मानसिक रूप से पूरी तरह टूट गईं।

इसका फायदा उठाते हुए ठगों ने उनके तीन बैंक खातों से पैसे निकलवाए। एक खाते से 20 लाख और दो अन्य खातों से कुल 4-4 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए। 28 लाख रुपये लूटने के बाद भी ठग नहीं रुके और महिला पर गोल्ड लोन लेने का दबाव बनाने लगे।

आखिरकार मानसिक रूप से परेशान सुनीता ने अपनी बेटी को सारी बात बताई। बेटी को शक हुआ और उसने मां को गोल्ड लोन लेने से रोक दिया। इसके बाद सुनीता को भी एहसास हुआ कि उनके साथ बड़ा धोखा हुआ है। उन्होंने तुरंत आनंदपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही पुलिस ने रविवार को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट के इस नए तरीके से ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं। लोगों से अपील है कि अज्ञात नंबर से आने वाले ऐसे धमकी भरे कॉल पर विश्वास न करें और तुरंत नजदीकी थाने या साइबर सेल में शिकायत करें।


संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in