

कोलकाता: ऋतुराज होटल में हुए भीषण अग्निकांड में 14 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद राज्य सरकार और कोलकाता नगर निगम हरकत में आ गए हैं। आगलगी की इस घटना में होटल में ठहरे कई लोग, जो छत पर चले गए थे, उन्हें हाइड्रोलिक लैडर की सहायता से बचाया गया था। घटनास्थल का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्क स्ट्रीट स्थित एक व्यावसायिक इमारत का निरीक्षण किया और नियमों का उल्लंघन किये जाने पर कोलकाता नगर निगम, अग्निशमन विभाग और कोलकाता पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इस घटना के बाद, पिछले सप्ताह मेयर फिरहाद हकीम ने महानगर में रूफटॉप रेस्तरां के संचालन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। इस संदर्भ में राज्य के शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के विभाग ने एक विस्तृत एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की है, जिसमें 20 बिंदुओं में दिशा-निर्देश दिये गये हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। यह दिशा-निर्देश विशेष रूप से व्यावसायिक उपयोग वाली इमारतों पर लागू होंगे। विभागीय अधिकारियों ने यह भी बताया है कि कोलकाता नगर निगम की ऑनलाइन बिल्डिंग परमिशन प्रणाली में इन दिशा-निर्देशों को पहले से जोड़ा जा चुका है, ताकि किसी भी उल्लंघन की स्वीकृति तकनीकी रूप से रोकी जा सके।
एसओपी के मुख्य दिशा-निर्देश:
छतें कॉमन स्पेस होंगी और किसी भी इमारत की छत को उप-भागों में बांटने की अनुमति नहीं होगी।
छत पर प्रवेश को किसी भी प्रकार से रोका नहीं जा सकता।
बहु-इकाई (मल्टिपल यूनिट्स) इमारतों में छत की स्वतंत्र रजिस्ट्री या म्यूटेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ट्रेड लाइसेंस का नवीनीकरण उन्हीं को मिलेगा जो इन दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।
बिना फायर सेफ्टी रिपोर्ट और प्रमाणपत्र के कोई निर्माण अनुमति या कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा।
9 मीटर से कम चौड़ाई वाली सड़कों पर नयी कमर्शियल बिल्डिंगों को मंजूरी नहीं दी जाएगी।
सभी निकास मार्ग जैसे सीढ़ियाँ, बरामदे आदि में किसी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए और उनमें अलार्म लगे होने चाहिए।
लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग आपातकालीन निकास के रूप में नहीं किया जा सकता।
हर बेसमेंट में कम से कम दो निकास मार्ग होने चाहिए।
दो निकासों के बीच की दूरी नियमों के अनुसार सुनिश्चित की जानी चाहिए।
सभी व्यावसायिक इमारतों में स्प्रिंकलर सिस्टम की सुविधा अनिवार्य रूप से स्थापित करनी होगी।
सीढ़ियों की संख्या और चौड़ाई निर्धारित मानकों के अनुसार सुनिश्चित करनी होगी।
जिन इमारतों का इस्तेमाल आवासीय और व्यावसायिक दोनों रूप में होता है, वहाँ अलग-अलग सीढ़ियों की व्यवस्था करनी होगी।
सीढ़ियों पर किसी भी प्रकार का सामान रखने की अनुमति नहीं होगी।
गलियारों की चौड़ाई निर्धारित मानकों के अनुसार सुनिश्चित की जानी चाहिए।
छत पर केवल सीढ़ी कवर, टंकी, संचार उपकरण आदि जैसे सेवा-संबंधी ढांचे की अनुमति होगी।
बेसमेंट में ज्वलनशील सामग्री को रखना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
दमकल इंजनों की आवाजाही के लिए न्यूनतम 4 मीटर चौड़ा रास्ता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा।
ओवरहेड संरचनाएं कम से कम 2.5 मीटर ऊंची होनी चाहिए।
अंडरग्राउंड वॉटर रिजर्वायर या सेप्टिक टैंक को ऊपर उठाकर नहीं बनाया जाएगा।
ट्रांसफॉर्मर के पास भी 4 मीटर चौड़ा रास्ता आवश्यक रूप से सुनिश्चित करना होगा।
मुख्य द्वार पर बनाए जाने वाले गेट रूम की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि दमकल वाहन अंदर तक जा सकें।
किसी भी भूखंड में 4 मीटर चौड़े आंतरिक रास्ते की व्यवस्था अनिवार्य होगी, ताकि सभी इमारतों तक पहुंच संभव हो सके।
अगर भूखंड में जलाशय है तो उसके और इमारत के बीच 4 मीटर चौड़ा रास्ता अनिवार्य होगा।
शहरी स्थानीय निकाय ऐसे किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देंगे जो इन नियमों का उल्लंघन करता हो।
उच्च जोखिम वाली इमारतों की समय-समय पर जांच की जाएगी और उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।