
कोलकाता: एक साल पहले आज ही के दिन नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर बीते 11 वर्षों की 'सुशासन यात्रा' को रेखांकित करते हुए देश की उपलब्धियों की चर्चा की। इसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस ने एक तीखा वीडियो जारी कर मोदी सरकार के दावों पर सवालों की बौछार कर दी। तृणमूल ने 3 मिनट 7 सेकंड के एक वीडियो में मोदी सरकार के 11 वर्षों को जनता की सेवा नहीं, बल्कि 11 साल की तकलीफ करार देते हुए छह प्रमुख मुद्दों पर भाजपा को घेरा। तृणमूल की ओर से ट्वीट किया गया कि यह सही समय है पीछे मुड़कर देखने का, सोचने का कि भाजपा ने इन 11 वर्षों में देश को वास्तव में क्या दिया?
महामारी के समय सरकार की लापरवाही और अव्यवस्था को 'आपदा' करार दिया
तृणमूल ने आरोपों के 6 बिंदु गिनाये। महिलाओं पर अत्याचार में वृद्धि के मद्देनज़र पार्टी ने कहा कि मोदी शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। दूसरी, भीषण महंगाई की वजह रोजमर्रा की चीजों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। तिसरी, रिकॉर्ड स्तर की बेरोजगारी से युवाओं को रोजगार देने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। चौथी, विभाजनकारी और जनविरोधी सीएए-एनआरसी जैसे कानूनों को सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बताया गया है। पांचवां, रेल दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। तमाम सुरक्षा के दावों के बावजूद रेल दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं और छठा, कोरोना काल के कुप्रबंधन गिनाते हुए तृणमूल ने महामारी के समय सरकार की लापरवाही और अव्यवस्था को 'आपदा' करार दिया। वीडियो में इन सभी मुद्दों को तस्वीरों और समाचार क्लिपिंग्स के जरिए उजागर किया गया है। गौरतलब है कि अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बंगाल दौरे के दौरान तृणमूल पर भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के आरोप लगाये थे। अब तृणमूल ने मोदी सरकार के 11 वर्षों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, भाजपा और तृणमूल के बीच 'सुशासन बनाम जनदुःख' की बहस और अधिक तीखी होती जाएगी।