

कोलकाता: पहलगाम आतंकी हमले को 56 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की ओर से अब तक न तो कोई बयान आया है और न ही कोई जवाब। खासकर तब, जब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार से पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे थे। इन सवालों के 24 घंटे बाद भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुप्पी पर सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
56 दिन बीत गए, आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिला
मंगलवार को तृणमूल भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी नेता समीर चक्रवर्ती ने कहा, पिछले 10 वर्षों में विदेश मामलों पर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये गये हैं, लेकिन जरूरत के समय कोई देश हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। ये पैसे कहां गए? कौन जवाब देगा? इसलिए अभिषेक बनर्जी ने ये सवाल देश की जनता के सामने रखे हैं, क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही अंतिम आवाज होती है। केंद्र ने स्वीकार किया कि सीमा सुरक्षा में खामियां थीं। अमित शाह जवाबदेही क्यों नहीं लेंगे? टीएमसी प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने कहा, 56 दिन बीत गए, हमले के आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिला। सीमा सुरक्षा में चूक हुई, खुफिया तंत्र फेल रहा, लेकिन सरकार चुप है। जब हमला हुआ था, प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर थे। लौटकर उन्होंने जम्मू-कश्मीर नहीं बल्कि चुनावी रैली के लिए बिहार जाना जरूरी समझा। गृहमंत्री अमित शाह, जिनकी जिम्मेदारी देश की सुरक्षा है, वे उस वक्त कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में भाजपा का प्रचार कर रहे थे। देशभक्ति किसकी है — अमित शाह की या अभिषेक बनर्जी की, यह देश तय करे।
अभिषेक के 5 सवालों को 24 घंटे बीत चुके हैं
बता दें कि टीएमसी ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी हमला तेज कर दिया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, अभिषेक के 5 सवालों को 24 घंटे बीत चुके हैं। देश अब भी जवाब का इंतजार कर रहा है। सरकार की यह चुप्पी खतरनाक है। पार्टी का कहना है कि यह चुप्पी केवल राजनीतिक असंवेदनशीलता ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही का संकेत है।