कोलकाता में तिस्वा का फ्लैगशिप स्टोर लॉन्च | Sanmarg

कोलकाता में तिस्वा का फ्लैगशिप स्टोर लॉन्च

– पूर्वी भारत में तिस्वा ने रखा कदम
कोलकाता : उषा इंटरनेशनल के प्रीमियम डेकोरेटिव और आर्किटेक्चरल लाइटिंग ब्रांड तिस्वा ने दक्षिण कोलकाता के पॉश इलाके 83, तोपसिया रोड पर ट्रिनिटी टॉवर में अपना फ्लैगशिप स्टोर लॉन्च किया। अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता द्वारा स्टोर को लॉन्च किया गया। यह लाइटिंग स्टूडियो बुनियादी से लेकर हाई-एंड तक, न्यूनतर से लेकर भव्य तक, साथ ही लक्जरी और आर्किटेक्चरल लाइटिंग समाधान के साथ आपके लाइटिंग की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है। खास बात तो यह है कि यह कोलकाता के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही दूसरे शहरों और जिलों में भी आपूर्ति करेगा। स्टोर के लॉन्च के दौरान उषा इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड – लाइटिंग (तिस्वा), प्रीमियम फैन और वॉटर सॉल्यूशंस बिजनेस, विकास गांधी ने कहा, पूर्व में डिजाइन सौंदर्यशास्त्र समृद्ध और विकसित है, जो तिस्वा के लिए कोलकाता को एक अत्यंत महत्वपूर्ण बाजार बनाता है। इस स्टोर के लॉन्च के साथ, हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में विश्व स्तरीय उत्पाद लाना है जो नवाचार और डिजाइन का एकदम सही मिश्रण है। यह अब लोगों के लिए पर्सनलाइज्ड स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है। नए तिस्वा स्टोर का अनावरण करते हुए अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा, “जिस तरह की लाइटिंग मुझे यहां दिख रही है, यह इतनी मनभावन है कि मैं तो यहां से अपने घर के लिए यहां से नए सेट को ले जाने के लिए तैयार हूं। ”
स्टोर की खासियत
1740 वर्ग फीट में फैला हुआ कोलकाता में तिस्वा स्टूडियो हस्तनिर्मित ल्यूमिनेयरों की एक प्रभावशाली श्रृंखला पेश करता है, जिसमें विशेष झूमर, क्रिस्टल पेंडेंट, वाल लाइट्स, एम्बीएंट लाइट्स, टेबल लैंप, फ्लॉर लैंप और एंटी-ग्लेयर सीओबी डाउनलाइटर, मैग्नेटिक ट्रैक लाइट और आउटडोर लाइट जैसे वास्तुशिल्प और उपयोगिता लाइटिंग उत्पादों का चयन शामिल है।
प्रत्येक तिस्वा उत्पाद अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण मानकों को पूरा करता है और कार्यात्मक और सौंदर्य दोनों आवश्यकताओं को पूरा करता है। तिस्वा उत्पादों की उत्कृष्ट शिल्प कौशल को अत्याधुनिक तकनीक जैसे ट्यूनेबिलिटी, डिममेबिलिटी और एंटी-ग्लेयर मानव-केंद्रित प्रकाश व्यवस्था द्वारा बढ़ाया गया है। इस नए स्टोर का लॉन्च तिस्वा की चल रही विस्तार योजनाओं का हिस्सा है। वर्तमान में, पूरे भारत में 15 विशिष्ट तिस्वा स्टूडियो हैं।

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