

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नौकरी गंवाए शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। इसके तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्न में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि — 'इस फैसले का मैं स्वागत करती हूँ। कई लोगो का मानना हैं कि मसला अगले साल तक खींची जाएगी। मेरा कहना हैं कि वर्ष 2026 नहीं, 2025 के भीतर ही होगा शिक्षक नियुक्ति समस्या का समाधान।'
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार की सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, नौवीं-दसवीं और ग्यारहवीं-बारहवीं कक्षा के ऐसे शिक्षक जो ‘अयोग्य’ नहीं हैं, वे स्कूल में पढ़ाने जा सकेंगे। साथ ही राज्य को निर्देश दिया गया है कि 31 मई के भीतर नई नियुक्ति की प्रक्रिया की अधिसूचना जारी करनी होगी और सरकारी हलफनामा देकर यह भी बताना होगा कि 31 दिसंबर के भीतर पूरी नियुक्ति प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी। नहीं तो यह छूट वापस ले ली जाएगी। हालांकि ग्रुप सी और ग्रुप डी को कोई राहत नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से।
इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे वकीलों ने हमें बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर तक का समय दिया है। यह हमारे लिए एक बड़ी राहत है। पहले कहा गया था कि वेतन नहीं दिया जा सकता, इसलिए हम विकल्प तलाश रहे थे। लेकिन आज कोर्ट ने हमारे आवेदन पर सहमति दी। मैं खुश हूं। मैंने अपना वादा निभाया।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं जनता के काम में कोई गलती नहीं करती। हां, जब अपनी बात कहती हूं, तो कभी-कभी गलती हो जाती है, क्योंकि मैं एलीट क्लास से नहीं आई हूं। मुझे अच्छी हिंदी नहीं आती, इसलिए बोलने में कुछ गलती हो जाती है। लेकिन जिम्मेदारी में कोई चूक नहीं करती।' मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा, चिंता न करें। हम आपके साथ हैं। मन लगाकर काम कीजिए। हम कानून के अनुसार ही चलेंगे।हालांकि जब ग्रुप सी और ग्रुप डी की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल पूछा गया, तो मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम पर भरोसा रखिए। पहले दिल्ली से वकील लौटें, उसके बाद बातचित कर और कानून देखकर ही निर्णय लेंगे।'
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि चुनावी वर्ष में राज्य सरकार शिक्षकों की समस्याओं का समाधान कर उनके साथ खड़ा होना चाहती है — और इसके लिए पूरी ताकत से प्रयास कर रही है।