

कोलकाता : मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से शहर में कनेक्टिविटी को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, जिससे आवासीय मांग बढ़ेगी और ऑफिस स्पेस की लीजिंग गतिविधियां भी तेज होंगी। यह बात उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपति ने शुक्रवार को कही। पिछले एक साल में कोलकाता में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है, खासकर उन क्षेत्रों में जो मेट्रो से जुड़े हुए हैं जैसे ईस्ट कोलकाता, राजारहाट, जोका और बेहाला। हावड़ा में संपत्ति मूल्यों में 8% की बढ़ोतरी, जबकि नए मेट्रो स्टेशनों के पास कमर्शियल रेट्स में 30% तक की वृद्धि हुई है।
क्या बोले रियल एस्टेट के दिग्गज
मर्लिन ग्रुप के एमडी साकेत मोहता ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी नए विकास के अवसर खोलेगी। इमामी रियालिटी के प्रमुख नितेश कुमार ने कहा कि यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बहुत बड़ा बूस्ट होगा। कनेक्टिविटी विकास और समृद्धि लाती है। इससे रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में भी फायदा होगा। नए मेट्रो रूट्स से विशेष रूप से उपनगरीय इलाकों में रेसिडेंशियल सेल्स में भारी उछाल आएगा। साकेत मोहता ने आगे बताया कि 2025 की पहली छमाही में 105% की वृद्धि के साथ नए प्रोजेक्ट लॉन्च में तेजी आई है। साउदर्न बाईपास और उससे आगे के क्षेत्रों में कीमतें बढ़ेंगी, और नॉर्थ कोलकाता में भी नए प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं।
क्रेडाई वेस्ट बंगाल के अध्यक्ष सुशील मोहता ने कहा कि नया मेट्रो नेटवर्क ऑफिस स्पेस के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। यह नया नेटवर्क कोलकाता के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय घटेगा और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इससे सेक्टर 5, बाईपास, राजारहाट और न्यू टाउन में ऑफिस ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। सेक्टर 5 में बन रहा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बंगाल की शान बनेगा और नॉर्थ कोलकाता में मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी विकसित होंगे।
जैन ग्रुप के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर ऋषि जैन ने कहा कि जोका मेट्रो अभी अधूरा है, लेकिन फिर भी इस क्षेत्र में रियल एस्टेट की मांग को जबरदस्त बढ़ावा मिला है। पिछले एक साल में यहां कीमतों में 12% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
पूर्ति रियालिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश अग्रवाल ने कहा कि कोलकाता में हाल ही में हुआ मेट्रो कनेक्टिविटी का विस्तार शहर के रियल एस्टेट परिदृश्य को बदलने की दिशा में अग्रसर है। बेहतर परिवहन सुविधा न केवल यात्रा के समय को कम कर रही है, बल्कि पूर्वी कोलकाता, राजारहाट, जोका और बेहाला जैसे क्षेत्रों में विकास के नए कॉरिडोर भी खोल रही है।