कोलकाता के फुटपाथों का बदल गया नक्‍शा, दुकान से लेकर पार्टी कार्यालय तक

कोलकाता के फुटपाथों का बदल गया नक्‍शा, दुकान से लेकर पार्टी कार्यालय तक
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कोलकाता : फुटपाथ पर अतिक्रमण को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में रोष जाहिर किया था। उन्होंने फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने के लिये एक महीने का समय दिया है। हालांकि फुटपाथ पर कब्जा केवल हॉकरों का ही है, ऐसा नहीं है। हॉकरों का कब्जा अगर 80% फुटपाथों पर है तो कोलकाता में 20% फुटपाथ ऐसे भी हैं जहां कुछ इस कदर कब्जा हो गया है कि लोगों ने फुटपाथों पर दुकानों से लेकर पार्टी कार्यालय तक बनवा लिये हैं। इस कारण फुटपाथ पर लोगों के चलने की जगह नहीं बची और लोगों को बीच सड़क से चल कर जाना पड़ रहा है।

अवैध पार्किंग की भरमार, होती है परेशानी 

आपको बता दें कि ना केवल फुटपाथों पर कब्जा बल्कि एक ही साथ यहां अवैैध पार्किंग की भरमार भी देखने को मिल जायेगी। स्थानीय पुलिस अथवा प्रशासन की नजरें इस पर क्यों नहीं गयी, यह बात समझ से परे है। यहां फुटपाथों के पास ही गाड़ियों की पार्किंग कर दी जाती है और कतार में गाड़ियां खड़ी रहती हैं। रात होते-होते गाड़ियों की संख्या और बढ़ जाती है जिस कारण लोगों के पास बीच सड़क से चलने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं बचता है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जा रहा है। आये दिन बाइक से लोगों को धक्का लग जाता है जिस कारण यहां से आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है।

बेलगछिया में रहने वाले श्याम​ सिंह ने कहा, 'मेट्रो से निकलने पर श्यामबाजार जाने वाली सड़क हो या दमदम की ओर जाने वाली सड़क हो, दोनों ही सड़कों की फुटपाथों पर कब्जा हो चुका है। कहीं ठेले वालों ने ठेला लगाया हुआ है तो कहीं दुकान और कहीं पार्टी कार्यालय बनाये गये हैं। अब इस तरह के कब्जे को कैसे हटाया जायेगा, इस पर भी प्रशासन को गौर करना चाहिये।' इसी तरह एक महिला सुधा साव ने कहा, 'कई वर्षों से ऐसा ही हाल यहां है। आने-जाने में परेशानी जैसे रोज की बात हो गयी है। आखिर इस तरह कब तक चलेगा, समझ में नहीं आता।'

बेलगछिया में फुटपाथों पर बनी दुकान
बेलगछिया मेट्रो से निकलते ही फुटपाथों पर कब्जे की तस्वीर देखने को मिल जायेगी। खाने-पीने की दुकानों से लेकर कपड़े की दुकान तक फुटपाथों पर कब्जा कर बना लिये गये हैं। यहां पार्टी कार्यालय भी फुटपाथ पर ही बनाया गया है। यहां एक दुकानदार ने कहा, '15 वर्षों से मेरी दुकान यहां है। पुलिस यहां नहीं आयी है।'
कोलकाता में हैं इतने गैर चिह्नित वेंडिंग जोन
कोलकाता नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, महानगर में केवल 7 चिह्नित जबकि 1,862 गैर ​चिह्नित वेंडिंग जोन हैं। बताया जा रहा है कि फुटपाथों पर अतिक्रमण के पीछे सबसे बड़े कारणों में से एक यह भी है। पिछली बार वर्ष 2015 में केएमसी ने हॉकरों को चिह्नित करने के लिये सर्वे किया था। इस अभियान में 61,000 हॉकरों को चिह्नित किया गया था। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या काफी बढ़ गयी है जिस कारण अधिकतर हॉकरों द्वारा गैर चिह्नित वेंडिंग जोन पर ही कब्जा किया जा रहा है। इस कारण ही फुटपाथोें पर अतिक्रमण की समस्या अधिक हो गयी है। सूत्रों के अनुसार, केएमसी की टाउन वें​​डिंग कमेटी से केवल 5,000 हॉकरों को वैध वेंडिंग सर्टिफिकेट दिया गया है।

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