

नेहा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पिछले हफ्ते इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने से हजारों यात्री परेशान हुए थे। अब भले ही उड़ानें पटरी पर लौट रही हैं, लेकिन यात्रियों की समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। 5 दिसंबर को जहां इंडिगो की केवल 37 उड़ानें उड़ पाई थीं, वहीं बुधवार को स्थिति सुधरने के साथ 101 उड़ानें रवाना हुईं। लेकिन एयरपोर्ट पर शिकायतों का अंबार बताता है कि राहत अभी आधी-अधूरी ही है। एयरपोर्ट टर्मिनल के बाहर से लेकर इंडिगो काउंटर तक हर मिनट कोई न कोई यात्री अपनी शिकायतों को लेकर पहुंच जा रहा है।
75 वर्षीय बिजन बिहारी मुल्लिक इसका ज्वलंत उदाहरण हैं, जो 7 दिसंबर से अपनी पत्नी के साथ बंगलुरु जाने की कोशिश कर रहे थे। उनकी उड़ान दो बार रीसिड्यूल हुई, शुरू में स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी गई। हद तो तब हुई जब इंडिगो कस्टमर केयर ने उन्हें टिकट रद्द कर रिफंड लेने की सलाह दे दी। बुधवार को आखिरकार उनकी उड़ान चली, लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “यह अनुभव बेहद थकाने वाला था।” वहीं चंडीगढ़ की कराटे खिलाड़ी साक्षी का मामला भी इंडिगो की लापरवाही की पोल खोलता है।
इंफाल में होने वाली कराटे प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए वह यात्रा कर रही थीं, लेकिन उनकी उड़ान अचानक रीसिड्यूल हो गई। नतीजतन उन्हें एयरपोर्ट मैनेजर के पास डॉरमेटरी की मांग लेकर पहुंचना पड़ा। उनका कहना है, “इंडिगो ने समय पर सूचना तक नहीं दी। मेरा कराटे प्रतियोगिता वहां होना है, ऐसे में रीसिड्यूल से हमारी मेहनत पर असर पड़ता है।” कोच्चि में मणिपुरी नृत्य प्रदर्शन के लिए जा रही प्रतिका कर्मकार की उड़ान भी मंगलवार को रद्द हुई। इंडिगो ने ‘प्लान बी’ के तहत बुधवार को नई बुकिंग दी, लेकिन उनका कहना है कि “मंच पर पहुंच पाने की चिंता ने रातभर सोने नहीं दिया।”
रीसिड्यूल की मार, बैगेज की मार… यात्रियों की दोहरी परीक्षा
हालांकि एयरपोर्ट अब सामान्य होता दिख रहा है, लेकिन यात्री सेवा की स्थिति अभी भी सवालों के घेरे में है। कई यात्रियों ने सुरक्षा कर्मियों और एयरलाइन स्टाफ के बेहतर व्यवहार की तारीफ की, लेकिन इंडिगो सेवाओं पर उनका भरोसा बुरी तरह हिला है। इंडिगो पिछले एक हफ्ते से बैगेज मैनेजमेंट की भारी गड़बड़ी झेल रहा था। करीब 800 बैग लटके हुए थे, जिनमें से ज्यादातर अब डिलीवर कर दिए गए हैं, लेकिन अभी भी लगभग 20 बैग लंबित हैं। सभी दिल्ली और मुंबई से आने वाली उड़ानों के। 75 वर्षीय एक बुजुर्ग दंपत्ति भी बैग न मिलने की शिकायत लेकर मैनेजर के पास पहुंचा।