अष्ट दिवसीय राजस्थानी मेला 'आपणों गाँव' का होगा शुभारंभ

सॉल्ट लेक लोक संस्कृति की ओर से आयोजित
अष्ट दिवसीय राजस्थानी मेला 'आपणों गाँव' का होगा शुभारंभ
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : 'स्थानम प्रधानम' सचमुच बिल्कुल सटीक कहावत है! सॉल्ट लेक लोक संस्कृति द्वारा पिछले तेईस वर्षों से लगातार आयोजित किए जा रहे अष्ट दिवसीय राजस्थानी मेला 'आपणों गाँव' का इस वर्ष शहर के बीचों बीच कांकुड़गाछी में स्थित विधान शिशु उद्यान मेला परिसर में कल शुभारंभ होने जा रहा है। बहु प्रतीक्षित इस मेले का आयोजन इस वर्ष शहर के केंद्र में स्थित विधान शिशु उद्यान में होने की वजह से कोलकाता वासी और अधिक उत्साहित दिख रहे हैं।

राजस्थान और हरियाणा की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं के बारे में, विशेषकर बच्चों एवं युवा पीढ़ी के बीच जागरूकता लाने के मुख्य उद्देश्य से संस्था यह अनूठा कार्यक्रम पिछले तेईस वर्षों से प्रत्येक वर्ष अनवरत करती आ रही है। संस्था के अध्यक्ष संदीप गर्ग ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से कोलकाता वासियों को,और विशेषकर मारवाड़ी समाज को स्वस्थ पारिवारिक परिवेश में आपसी मेल जोल का सुखद अवसर मिलता है।

संस्था ने इस बार पुनः हर आयु वर्ग की अलग अलग रुचि को ध्यान में रखकर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मेले को सजाया है। राजस्थान एवं हरियाणा से आये ख्याति प्राप्त लोक कलाकार, मेला परिसर में अपनी कला का प्रत्येक शाम प्रदर्शन करेंगे।

मेला प्रांगण में चल रही तैयारियों एवं उनसे जुड़ी व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपाध्यक्ष द्वय किशोर शर्मा एवं प्रेम रतन झंवर पिछले कई दिनों से प्रयासरत हैं। संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि विशाल मेला प्रांगण, राजस्थान/हरियाणा के एक गाँव जैसा बनकर नगरवासियों के स्वागत के लिए लगभग तैयार है। मेला प्रांगण में मौजूद होते हुए भी यकीन नहीं होता कि हम अपने कोलकाता शहर में ही यह नज़ारा सचमुच देख रहे हैं।

संस्था के सचिव कमलेश केजरीवाल ने जानकारी दी कि इस मेले में प्रत्येक वर्ष आने वालों लोगों का कहना है कि आपणों गाँव मेले के परिसर की सोंधी खुशबू यहॉं की 'चोखी ढाणी' में परोसे जाने वाले राजस्थानी व्यंजनों के बेजोड़ स्वाद में जब घुल जाती है तो उस अलौकिक अनुभव को शब्दों में बयान करना मुमकिन नहीं। उन्होंने बताया कि इस आयोजन की मुख्य विशेषता यह है कि चोखी ढाणी की तर्ज पर की गयी व्यवस्था के अंतर्गत पिछले तेईस वर्षों से हर साल मारवाड़ी पाक कला में निपुण कारीगरों को ख़ास इस कार्यक्रम के लिए राजस्थान से बुलाया जाता है एवं उनके द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट व्यंजनों को मनुहार कर परोसने वाले लोग भी मरुभूमि से इस कार्यक्रम में भाग लेने के उद्देश्य से ही यहां आते रहे हैँ।

संस्था के कोषाध्यक्ष राजकुमार मूंधड़ा ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि मरूभूमि की स्वाद समेटे रसोई घर में काम आने वाले सारे कच्चे सामान राजस्थान से कोलकाता पहुंच चुके हैं। इनका व्यवहार कर के राजस्थान से आए पाक कला में दक्ष कारीगर, व्यंजनों में अपनी जादूगरी से कोलकाता वासियों का दिल जीतने के लिए तत्पर हैं।

युवा समिति के सक्रिय एवं ऊर्जावान सदस्य सौरभ मूंधड़ा ने बताया कि हमेशा से ऊंट की सवारी को सभी मेहमान और खासकर बच्चे बहुत पसंद करते आए है। इसे ध्यान में रखते हुए इस वर्ष आने वाले ऊंटों की संख्या में वृद्धि की गई है।

किसी भी मेले की सफलता वहां उपलब्ध खान पान में विविधता,सुव्यवस्था, स्वच्छता और परिवेश पर बहुत निर्भर करती है। समिति के सक्रिय सदस्य इंद्र कुमार डागा ने बताया कि इन सब बातों को ज़ेहन में रखते हुए, संस्था द्वारा बहुत बड़ी जगह में फ़ूड कोर्ट बनाया गया है जहां अतिथियों के लिए तरह तरह के लोकप्रिय एवं लज़ीज़ व्यंजनों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।

भवन निर्माण समिति केअध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि मेले के लिए नया स्थान होने की वजह से परिसर को इतनी सुंदरता से सजाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी पर सभी कार्यकर्ताओं के लगन और परिश्रम का अद्भुत परिणाम नगर वासियों के समक्ष प्रस्तुत है।

मेला समन्वयन का अहम दायित्व निर्वहन कर रहे मृदुभाषी सदस्य पवन भुवानिया एवं संस्था के ट्रस्टी उमेश केडिया ने जानकारी दी कि मेला के शुभारंभ होने की पूर्व संध्या को पिछले कई वर्षों की ही तरह इस वर्ष भी पारंपरिक गणेश पूजन के लिए स्वागत समिति के सदस्य बृज मोहन बेरीवाल सपत्नीक बैठेंगे।

संस्था के संस्थापक मदन गोपाल राठी ने बताया कि इस मेले के आयोजन के बाबत राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन एव पूरे मारवाड़ी समाज से मिल रहे भरपूर समर्थन से संस्था के कार्यकर्ताओं को काफी प्रोत्साहन मिला है एवं सभी पूरे उत्साह एवं लगन से मेले को सफल बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं।

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