राज्य की पीएसयू को नए एमसीए अनुपालन ढांचे पर किया गया प्रशिक्षित

कार्यशाला का उद्घाटन करते राज्य के मंत्री बाबुल सुप्रियो। साथ में हैं विभाग की सचिव स्मिता पांडेय व अन्य
कार्यशाला का उद्घाटन करते राज्य के मंत्री बाबुल सुप्रियो। साथ में हैं विभाग की सचिव स्मिता पांडेय व अन्य
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कोलकाता : राज्य की पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) को कंपनी अधिनियम के प्रावधानों और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा संबंधित नियमों में किए गए नवीनतम संशोधनों से अवगत कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य के सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण (पीई एण्ड आईआर) विभाग ने एमसीए21 पोर्टल की संरचना, कार्यप्रणाली और अनुपालन ढांचे में व्यापक बदलाव किए हैं। 57 पीएसयू के 27 विभागों के 90 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया, जिसका उद्देश्य राज्य की पीएसयू के लिए एक स्थायी शिकायत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना था। गुरुवार को उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन करते हुए राज्य के मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘हमारे पास पहले से ही एक एमसीए पोर्टल है, लेकिन उसमें कुछ अपग्रेड किए गए हैं। यह कार्यशाला हितधारकों को अपग्रेडेशन के बारे में जागरूक करने के लिए है ताकि वे कॉर्पोरेट प्रशासन और अनुपालन के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत हों।’मंत्री ने सरस्वती प्रेस का विशेष उल्लेख किया जो एक राज्य पीएसयू है जो हाल के दिनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘2012-13 में, इसने 150 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया और 2022-23 में, यह 600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, इसने 570 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि सभी मिलकर और सामंजस्य से काम करें।’

विभाग की सचिव स्मिता पांडे ने कहा कि प्रमुख सुधारों में महिलाओं के लिए कार्यस्थल की सुरक्षा, डिजिटल हस्ताक्षरित वित्तीय विवरण और अंशों व महत्वपूर्ण रिपोर्टों की प्रस्तुति सहित सुरक्षित कार्य, पेपरलेस कार्य, डिजिटल अनुपालन और प्रमाणीकरण व मज़बूत सत्यापन प्रोटोकॉल शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘यह एमसीए द्वारा शुरू किए गए सुधारों का अंतिम चरण है जो 14 जुलाई, 2025 से लागू होगा।’

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