सरकारी कर्मचारियों को ममता सरकार का तोहफा, तदर्थ बोनस बढ़ाकर 6,800 रुपये किया

फैसले से राज्य के लाखों कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद है
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कोलकाता: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंत में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए तदर्थ (एडहॉक) बोनस की घोषणा करते हुए इसमें बढ़ोतरी भी की है। राज्य ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए सरकारी कर्मचारियों और कुछ विशेष श्रेणियों के कर्मचारियों को तदर्थ बोनस का भुगतान करने के निर्णय की घोषणा की है तथा वित्त (आडिट) विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार के कर्मचारी जिन्हें कोई 'उत्पादकता लिंक बोनस' नहीं मिलता है और जिनका मासिक वेतन 31 मार्च 2025 तक 44,000 रुपये से कम है, उन्हें प्रति व्यक्ति 6,800 रुपये का एकमुश्त बोनस दिया जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अब तक सरकारी कर्मचारियों का तदर्थ बोनस 6,000 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 6,800 रुपये कर दिया गया है। नवान्न की ओर से यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चाहे कर्मचारी पुराने वेतन ढांचे में हों या नए ढांचे में, अधिकतम बोनस भुगतान 6800 रुपये है। जिनका मासिक वेतन 44,000 रुपये से अधिक है, उन्हें तदर्थ बोनस नहीं मिलेगा। एडहॉक बोनस की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब राज्य सरकार के कर्मचारी डीए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। छठे वेतन आयोग के तहत इन्हें डीए मिल रहा है, फिलहाल मिल रहे डीए की दर 14 फीसदी है। 1 अप्रैल से उनका डीए 4 फीसदी और बढ़ जायेगा, नतीजतन, कुछ दिनों के बाद उन्हें मिलने वाले डीए की राशि 18 फीसदी हो जाएगी।

बोनस प्राप्त करने की शर्त क्या है?

राज्य सचिवालय नवान्न के अनुसार, हालांकि सरकार ने अपने कर्मचारियों को तदर्थ बोनस देने की पहल की है, लेकिन इसमें कुछ प्रतिबंध और शर्तें भी शामिल हैं। वेतन सीमा के अनुसार, यदि कर्मचारियों की मासिक आय 31 मार्च 2025 तक 44,000 रुपये से अधिक है तो वे बोनस के लिए पात्र नहीं होंगे। हालाँकि, यदि वेतन वर्ष के कम से कम छह महीने के लिए इस सीमा के भीतर है (भले ही पदोन्नति, वेतन वृद्धि या अन्य कारणों से सीमा पार हो गई हो) तो ऐसे कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा। सेवा अवधि के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कम से कम छह महीने की निरंतर सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी ही बोनस के हकदार होंगे। छह महीने से कम की सेवा के लिए आनुपातिक दर पर बोनस का भुगतान किया जाएगा। जो कर्मचारी प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस योजना के अंतर्गत हैं, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा। यथानुपात बोनस के संबंध में, बोनस की राशि निर्धारित करने में 31 मार्च 2025 तक कर्मचारी के वेतन और सेवा की अवधि को ध्यान में रखा जाएगा। सरकारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि 15 दिन या उससे अधिक की अवधि को एक महीने के रूप में माना जाएगा। संविदा कर्मचारियों पर भी यही नियम लागू होंगे। बोनस राशि के वितरण से पहले विभागीय प्रमाण-पत्रों का सत्यापन किया जाएगा। इस फैसले से राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, बोनस का यह पैसा कर्मचारियों के खाते में जल्द ही ट्रांसफर किये जाएंगे। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि नवान्न द्वारा अगले सप्ताह संबंधित विभागों को दिशानिर्देश जारी किये जा सकते हैं।

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