नयी ओबीसी आरक्षण नीति को कैबिनेट की मंजूरी

आगामी विधानसभा सत्र में यह नियम विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा
CM Mamata Banerjee
CM Mamata Banerjee
Published on

कोलकाता: राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। पता चला है कि ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य सरकार नया नियम लेकर आ रही है। सरकारी सूची में शामिल पिछड़े वर्गों की संख्या अब दोगुने से भी अधिक हो जाएगी। नवान्न सूत्रों के अनुसार, इस नियम को अंतिम रूप दे दिया गया है। सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सहमति से मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। आगामी विधानसभा सत्र में ओबीसी आरक्षण संबंधी यह नया नियम पेश किया जाएगा।

कुल अन्य पिछड़े वर्गों की संख्या बढ़कर 140 हुई

गौरतलब है कि एक मामले के आधार पर वर्ष 2010 के बाद राज्य द्वारा जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के इस आदेश पर कोई स्थगन नहीं दिया। इस परिस्थिति में राज्य सरकार ने नये सिरे से ओबीसी की पहचान के लिए सर्वेक्षण शुरू किया। उसी सर्वेक्षण के परिणामों के आधार पर नया नियम तय किया गया है। नवान्न सूत्रों के अनुसार पहले सूची में 66 अन्य पिछड़े वर्ग शामिल थे। सर्वेक्षण के बाद इनमें से दो वर्गों को अस्थायी रूप से सूची से बाहर कर दिया गया है, जिन पर आगे और सर्वेक्षण होगा। बाकी 64 पिछड़े वर्गों के साथ 76 नये अन्य पिछड़े वर्गों को सूची में जोड़ा गया है। इस प्रकार अब कुल अन्य पिछड़े वर्गों की संख्या बढ़कर 140 हो गई है। इस बदलाव के साथ ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत 7% से बढ़कर 17% तक पहुँच सकता है। नवान्न सूत्रों का कहना है कि इस निर्णय के साथ राज्य सरकार एक समावेशी और न्यायसंगत आरक्षण प्रणाली लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। सोमवार को नवान्न में मंत्रिमंडल की बैठक में इस महत्वपूर्ण ओबीसी आरक्षण नियम को प्रस्तुत किया गया। नवान्न सूत्रों के मुताबिक, आगामी 9 जून से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इसी सत्र में यह नियम विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।

अदालत ने मामले में 'राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग' को शामिल करने को कहा

हाई कोर्ट में ओबीसी मामले की अगली सुनवाई 19 जून को निर्धारित है। अदालत ने यह जानने के लिए कि किस प्रक्रिया से सर्वेक्षण कर नई ओबीसी सूची बनाई जाएगी, इस पर ‘राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग’ को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि तुरंत आरक्षण से संबंधित सर्वेक्षण की जानकारी विभिन्न अखबारों में विज्ञप्ति के माध्यम से प्रकाशित की जाए, और संबंधित बीडीओ अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिया जाए। इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न नये समुदायों से आवेदन प्राप्त करने का संदेश भी शामिल होगा। अदालत ने इस मामले में 'राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग' को भी शामिल करने का निर्देश दिया था। यह सर्वेक्षण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है, जिसके बाद नया नियम तैयार किया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि यह पहल सामाजिक न्याय और समान अवसर की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in