एयरपोर्ट एईएमसी बैठक में उड़ान सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान

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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, कोलकाता में हाल ही में एयरोड्रोम पर्यावरण प्रबंधन समिति (एईएमसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें उड़ान सुरक्षा को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारकों पर चर्चा हुई। बैठक में एयरपोर्ट के आसपास कचरा गड्ढों को प्रभावी ढंग से ढकने और व्यापक कचरा सफाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया ताकि पक्षी गतिविधियों को कम किया जा सके, जो विमानों के लिए एक बड़ा खतरा हैं। पश्चिम बंगाल सरकार की प्रधान सचिव (गृह विभाग), नंदिनी चक्रवर्ती की अध्यक्षता में एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई ने की

इसमें हवाई अड्डा अधिकारियों, स्थानीय नगर निकायों के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया। बैठक में पिछले कुछ महीनों में पक्षी टकराव की घटनाओं की चिंताजनक संख्या पर आंकड़े प्रस्तुत किए गए, जिससे आसपास की नगर पालिकाओं द्वारा मजबूत कचरा प्रबंधन प्रथाओं की महत्वपूर्ण आवश्यकता रेखांकित हुई। मध्यमग्राम नगरपालिका की कचरा सफाई में सक्रिय प्रयासों को एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में सराहा गया।

लेजर और ड्रोन पर नियंत्रण :

बैठक में एयरपोर्ट के आसपास के हवाई क्षेत्र में लेजर लाइट हस्तक्षेप और अनधिकृत ड्रोन संचालन को नियंत्रित करने के लिए उपायों को मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। लेजर लाइट्स पायलटों को क्षणिक अंधापन पैदा कर सकती हैं, जो लैंडिंग और टेकऑफ जैसे महत्वपूर्ण उड़ान चरणों में गंभीर खतरा पैदा करती हैं। इसी तरह, प्रतिबंधित क्षेत्रों में उड़ने वाले ड्रोन टक्कर और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा प्रस्तुत करते हैं।

नियमों का सख्ती से पालन :

समिति ने मौजूदा नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें डीजीसीए के नियम शामिल हैं, जो हवाई अड्डों के 10 किमी दायरे में कचरा डंपिंग को प्रतिबंधित करते हैं, साथ ही लेजर लाइट और ड्रोन गतिविधियों को सीमित करने वाले दिशानिर्देश भी शामिल हैं। स्थानीय अधिकारियों और पुलिस द्वारा बढ़ी हुई जन जागरूकता अभियान और सख्त प्रवर्तन को कोलकाता हवाई अड्डे के आसपास सुरक्षित विमानन पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम के रूप में पहचाना गया।

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