
कोलकाता : महानगर के बाजारों में एक के बाद एक आग लगने की लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने शहर के सभी केएमसी अधिनियम के तहत आने वाले बाजारों की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की समग्र समीक्षा का निर्णय लिया है। मेयर ने कहा कि कोलकाता के कई पुराने और प्रमुख बाजारों में आग लगने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। विशेषकर मध्य और उत्तरी कोलकाता के कई बाजार आज भी बेहद संकरी गलियों और अव्यवस्थित ढांचे में संचालित हो रहे हैं, जो अग्नि सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चुनौती बन चुके हैं। केएमसी ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए व्यापक स्तर पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। मेयर फिरहाद हकीम ने बुधवार को मासिक अधिवेशन में बताया कि सभी बाजारों का फायर ऑडिट करवाया जा रहा है। दमकल विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह यह तय करे कि आग लगने की स्थिति में किस रास्ते से दमकल वाहन भीतर जा सकें और कैसे निकलें।
मेयर ने कहा, “हम बाजार, दुकानों, होटलों और रेस्तरांओं के लिए एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बना रहे हैं जिसमें फायर सेफ्टी की सभी आवश्यक बातें शामिल होंगी। दमकल विभाग जो भी दिशा-निर्देश देगा, नगर निगम उसके अनुसार काम करेगा।” उन्होंने बताया कि जहां जरूरत होगी वहां स्थायी पंपिंग स्टेशन, डीप ट्यूबवेल या जलाशय (रिजर्वायर) तैयार किए जाएंगे, ताकि आग बुझाने में इस्तेमाल हो सकने वाले जल स्रोत हर जगह उपलब्ध रहे। फिलहाल सबसे बड़ी चिंता यह है कि निजी स्वामित्व वाले कई बाजारों में नगर निगम की कार्रवाई सीमित होती है। मेयर ने कहा कि निगम के पास खुद के अंतर्गत आने वाले बाजारों की पूरी जानकारी है और वहां सुधार किया जाएगा, लेकिन निजी स्वामित्व वाले बाजारों में मालिकों के सहयोग के बिना काम करना मुश्किल है। ऐसे बाजारों के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाएगी, ताकि समय रहते आग पर काबू पाया जा सके। इन बाजारों में सुरक्षा जागरुकता अभियान, आपातकालीन निकास मार्गों की पहचान और स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर नियमित अग्नि सुरक्षा ड्रिल कराने की भी योजना बनायी जा रही है।