

कोलकाता: अब कोलकाता ट्रैफिक पुलिस सिर्फ पेट्रोल चालित वाहनों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि डीजल, एलपीजी (LPG) और सीएनजी (CNG) से चलने वाले वाहनों के धुएँ से होने वाले प्रदूषण पर भी सख्ती बरतेगी। इस दिशा में लालबाजार ने पहली बार अत्याधुनिक स्मोक मीटर खरीदे हैं, जिनकी मदद से विभिन्न प्रकार के वाहनों के उत्सर्जन स्तर को सटीक रूप से मापा जा सकेगा।
सूत्रों के अनुसार, कुल 30 स्मोक मीटर खरीदे गए हैं। इनमें से 26 मशीनें शहर के विभिन्न ट्रैफिक गार्डों को और 2 मशीनें विशेष रूप से एंटी-पॉल्यूशन सेल को सौंपी गई हैं। इससे पहले ट्रैफिक पुलिस के पास ऐसे उपकरण उपलब्ध नहीं थे जिनसे डीजल, गैस चालित या भारत स्टेज-6 मानक वाले वाहनों के धुएँ की मात्रा का सही आंकलन किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि ये नए उपकरण इस कमी को दूर करेंगे और शहर में प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इन मशीनों का सबसे पहले उपयोग बसों और अन्य भारी वाहनों की निगरानी में किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है। इससे न केवल प्रदूषण नियंत्रण में सुधार होगा, बल्कि आम जनता को स्वच्छ हवा भी मिलेगी।
करीब दो वर्ष पहले लालबाजार ने कोलकाता नगर निगम को स्मोक मीटरों की खरीद का प्रस्ताव भेजा था। शुरुआत में अनुमति नहीं मिली, लेकिन बाद में औपचारिक मंजूरी दे दी गई। कुल 30 मशीनों की खरीद पर लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत आई है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इन उपकरणों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्मोक मीटर के माध्यम से प्रदूषण की निगरानी करना बहुत जरूरी है, क्योंकि शहर में बढ़ते वाहनों के कारण वायु गुणवत्ता लगातार गिर रही है। यह कदम न केवल कानून के उल्लंघन को रोकने में मदद करेगा, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी अहम साबित होगा।
इस पहल से कोलकाता में वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी और शहर के नागरिकों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण मिलेगा।