

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट हॉल में जीएसटी और आयकर से संबंधित एक दिनभर का सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कमर्शियल टैक्सेस बार एसोसिएशन ने किया। सेमिनार की शुरुआत एसोसिएशन के अध्यक्ष, वकील अलोक घोष के उद्घाटन भाषण से हुई। बार काउंसिल के सदस्य और सीटीबीए के पूर्व सचिव सिद्धार्थ मुखोपाध्याय ने अपने भाषण में सभी वरिष्ठ और दिवंगत सदस्यों का उल्लेख करते हुए उनके योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
वर्तमान सचिव शक्तिपद दे ने संगठन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और अतिथियों का स्वागत किया। विशेष अतिथि, प्रख्यात वकील सज्जन कुमार तुलस्यान और एनयूजेएस के उपकुलपति निर्मल कुमार चक्रवर्ती ने लगभग 350 प्रतिनिधियों को अपने विचारपूर्ण भाषणों से संबोधित किया। सीजीएसटी के पूर्वोत्तर क्षेत्र के मुख्य आयुक्त श्रवण कुमार, एसजीएसटी के आयुक्त देवी प्रसाद कारनन, और मुख्य अतिथि कलकत्ता उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य ने अपने प्रेरक भाषणों से सभी का ध्यान आकर्षित किया।
पीयूष चक्रवर्ती और एम.एस. हुडा के निर्देशन में एक बुलेटिन का प्रकाशन किया गया। इंदौर से आए वक्ता राजेश मेहता ने पूंजीगत लाभ कर (कैपिटल गेन्स टैक्स) पर अपने भाषण से सभी का मन मोह लिया। अगले वक्ता विमल जैन थे, जिनके जीएसटी पर सहज और प्रभावी भाषण ने सभी प्रतिनिधियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सेमिनार का संचालन वकील अभ्र मजूमदार ने किया।
अंतिम सत्र में जीएसटी पर चर्चा में सीजीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त राजीव शंकर सेनगुप्ता और वकील अरूप दासगुप्ता ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन वकील सुमित गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सह-अध्यक्ष विश्वनाथ सरकार ने किया। सहायक सचिव सुमित विश्वास ने बताया कि सदस्यों जैसे देवांशु सिन्हा, शिवनाथ मुखोपाध्याय, प्रशांत भादुरी, देवब्रत बसु, सुभाषीष पॉद्दार, शमशेर आलम, और साकिल अहमद के सक्रिय सहयोग के बिना इस सेमिनार का सफल आयोजन संभव नहीं हो पाता। राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का शुभ समापन हुआ।