

रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सुंदरवन को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखना ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह बात सुंदरवन विकास मामलों के मंत्री बंकिम चंद्र हाजरा ने सागरद्वीप में आयोजित दो दिवसीय सुंदरवन दिवस के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम दक्षिण 24 परगना के 13 तथा उत्तर 24 परगना के 6 प्रखंडों में एक साथ आयोजित किया गया, जिसके माध्यम से लोगों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। मंत्री ने कहा कि यह आयोजन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में संभव हो सका है।सुंदरवन उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में खारे पानी की नदियों से घिरे कुल 102 द्वीपों का विशाल समूह है। वर्ष 1994 में सुंदरवन विषयक विभाग की स्थापना के बाद से विभाग का मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढाँचे का विकास, आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण, प्रशिक्षण, आजीविका वृद्धि तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना रहा है।
मुरीगंगा पुल, मैंग्रोव विकास और नई सुविधाओं से सुदृढ़ होगा सुंदरवन
राज्य सरकार सुंदरवन को मुख्य भूमि से बेहतर जोड़ने के लिए मुरीगंगा नदी पर लगभग 1700 करोड़ रुपये की लागत से 5 किमी लंबे पुल का निर्माण कर रही है। आगामी गंगासागर मेले को ध्यान में रखते हुए मुरीगंगा और चेमागुड़ी खाल का त्वरित पुनर्विकास भी जारी है। सागरद्वीप स्थित कपिलमुनि आश्रम परिसर में 48 करोड़ रुपये की लागत से नाटमंदिर, भाला आर्केड, बस स्टैंड, आवासीय सुविधाएँ और अस्थायी शौचालयों का निर्माण किया गया है। विभाग ने 2011–12 से अब तक 3506 किमी ईंट-बंधी सड़क, 2324 किमी कंक्रीट सड़क, 580 किमी पक्की सड़क, 27 कंक्रीट पुल और 168 जेटी का निर्माण कराया है। कृषि व मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने के लिए 11 लाख 23 हजार से अधिक लाभार्थियों को उपकरण, बीज, मसाले और चारा उपलब्ध कराया गया। पर्यावरण संरक्षण के तहत 8515 हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव व झाऊ वन विकसित किए गए हैं। मंत्री हाजरा ने कहा कि आने वाले समय में रो-रो पॉन्टून जेटी, जल संरक्षण परियोजनाएँ, तूफ़ान आश्रय केंद्र, नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार तथा सामाजिक वनीकरण के माध्यम से सुंदरवन को और अधिक सशक्त व सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य किए जाएंगे।